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प्रदूषण के कारण बढ़ रहे स्ट्रोक के मामले : विशेषज्ञ

शहरीकरण बढ़ने के साथ दिल्ली जैसे शहरों में प्रदूषण भी बढ़ रहा है, जिसके कारण स्ट्रोक के मामलों की संख्या बढ़ रही है. इस समस्या के समाधान के लिए वैस्कुलर न्यूरोलोजी महत्वपूर्ण है.

Updated on: 04 Nov 2018, 07:48 AM

नई दिल्ली:

शहरीकरण बढ़ने के कारण महानगरों में प्रदूषण स्तर बढ़ा है और इसकी वजह से स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे हैं. इस समस्या के समाधान में वैस्कुलर न्यूरोलोजी (Vascular Neurology) की भूमिका महत्वपूर्ण है. यह कहना है जाने-माने न्यूरोलोजिस्ट डॉ. पी.एन. रंजन का. वल्र्ड स्ट्रोक डे सिम्पोसियम के मौके पर स्ट्रोक पर 11वें सीएमई (कन्टीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) सेमिनार में सिम्पोसियम के ऑगेर्नाइजिंग चेयरमैन डॉ. पी. एन. रंजन ने कहा, 'शहरीकरण बढ़ने के साथ दिल्ली जैसे शहरों में प्रदूषण भी बढ़ रहा है, जिसके कारण स्ट्रोक के मामलों की संख्या बढ़ रही है. इस समस्या के समाधान के लिए वैस्कुलर न्यूरोलोजी महत्वपूर्ण है.'

अपोलो अस्पताल की ओर से आयोजित सेमिनार में जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रंजन ने कहा, 'सीएमई जैसे मंच बेहद महत्वपूर्ण हैं. हमें खुशी है कि न्यूरोसाइन्सेज इन्स्टीट्यूट द्वारा आयोजित स्ट्रोक सिम्पोसियम अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम बन चुका है. खासतौर पर भारत जैसे देशों में यह बहुत मायने रखता है जहां लागत और गुणवत्ता जैसे मुद्दों के बारे में जानकारी एक बड़ा बदलाव ला सकती है.'

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सेमिनार में अमेरिका सहित पांच देशों से 250 प्रतिनिधि शामिल हुए. शहरी क्षेत्रों में स्ट्रोक के लगातर बढ़ते मामलों को देखते हुए इस साल का सेमिनार विशेष रूप से महत्वपूर्ण था. इस साल सेमिनार में वैस्कुलर न्यूरोलोजी की आधुनिक तकनीकों पर रोशनी डाली गई. कुछ डॉक्टरों ने हाल ही में अपने द्वारा किए गए शोध और विशेष मामलों पर अपने दस्तावेज भी प्रस्तुत किए.

11वें संस्करण में सेमिनार को कई सत्रों में बांटा गया था, जिसमें वैस्कुलर न्यूरोलोजी से जुड़ी मौजूदा अवधारणाओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया.