logo-image

डायबिटीज मरीज भी ले सकते है त्योहारों का आनंद, अपनाएं ये टिप्स

मधुमेह या डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए अनियमित उपवास और त्योहार के बाद बार-बार खाते रहना हानिकारक साबित हो सकता है.

Updated on: 18 Oct 2018, 11:03 AM

नई दिल्ली:

मधुमेह या डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए अनियमित उपवास और त्योहार के बाद बार-बार खाते रहना हानिकारक साबित हो सकता है. भारत में लगभग 7.2 करोड़ मधुमेह रोगी हैं, जिनके 2025 तक 13.4 करोड़ तक होने की उम्मीद है. मधुमेह के रोगियों को त्योहारों का आनंद लेने के विशेष सावधानी और देखभाल की जरूरत होती है. बीटओ की डायबिटीज एजूकेटर चेतना शर्मा ने कहा, 'मधुमेह वाले लोगों के लिए रक्तचाप के आवश्यक लेवल को बनाए रखने के लिए नियमित अंतराल पर कुछ खाते रहना जरूरी है. हालांकि, त्योहारों के दौरान, वे निश्चित रूप से कुछ ज्यादा खा सकते हैं, खासतौर पर उपवास खत्म होने के बाद. सामाजिक उत्सवों या पार्टी आदि में अस्वास्थ्यकर और कैलोरी से भरपूर भोजन खाने के साथ-साथ इस तरह का अनियमित भोजन पैटर्न शरीर पर बुरा असर डाल सकता है.'

उन्होंने कहा, 'हाइपोग्लाइसेमिया (ब्लड शुगर का गिरता लेवल) के अलावा, यह पोस्टप्रेन्डियल हाइपरग्लाइसेमिया, केटोएसिडोसिस और कई अन्य मैटाबोलिक परेशानियों का कारण बन सकता है. इसके अलावा, पर्याप्त पानी न पीने से निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और हाइपोटेंशन हो सकता है.'

शर्मा ने कहा, 'उपवास समाप्त करने के बाद इस तरह का भोजन करना चाहिए जो पाचन तंत्र पर भारी न पड़े. उपवास के बाद, प्रोसेस्ड भोजन या ट्रांस फैट की अधिकता वाली चीजों से बचना जरूरी है, क्योंकि ऐसा करने से शुगर के लेवल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. एक सलाह यह भी है कि दिन में नारियल पानी, नींबू पानी और दूध जैसे पेय पदार्थो के साथ हाइड्रेटेड रहा जाए.'

उन्होंने कहा, 'भोजन के लिए फाइबर से भरपूर भोजन और जटिल कार्बोस का चयन करें जो आपको अधिक लंबे समय तक फुल महसूस कराये. सुनिश्चित करें कि आप हाइपो या हाइपरग्लाइसेमिया की स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से अपने चीनी के स्तर की निगरानी करते रहें. अंत में, हर दो घंटे में कम मात्रा में कुछ न कुछ खाते रहें। मधुमेह वाले लोगों में उपवास के बाद ध्यान रखना महत्वपूर्ण है.'

चेतना शर्मा ने कुछ सुझाव देते हुए कहा, 'उपवास के बाद पोस्ट-असेसमेंट टेस्ट करवा लें. क्या करना है और क्या नहीं, इसे समझना जरूरी है. सुनिश्चित करें कि आप दवाएं या इंसुलिन की खुराक बराबर लेते रहें. इन्हें आवश्यकता के अनुसार और अपने हेल्थकेयर प्रदाता से परामर्श करके एडजस्ट करें. उपवास के बाद अपने आहार की निगरानी करें. उपवास के दौरान नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें. नियमित रूप से रक्त शर्करा (बल्ड शुगर) की निगरानी करें. उपवास के बाद नारियल पानी, ग्रीन टी, मक्खन और नींबू के रस जैसे तरल पदार्थ पीएं, एयरेटेड ड्रिंक से बचें.'

और पढ़ें: हानिकारक है पालथी मारकर बैठना, जानें क्‍यों हो सकते हैं विकलांग

उन्होंने कहा, 'व्रत के स्नैक्स को अधिक न खाएं। इनमें नमक और चीनी की उच्च मात्रा होती है। इसके बजाय कुछ उबला या भुना हुआ खाएं. टेबल साल्ट के बजाय रॉक साल्ट का उपयोग करें, क्योंकि इससे खनिज अवशोषण में मदद मिलती है. हल्का भोजन करें, क्योंकि यह पाचन में सहायता कर सकता है. मिठाई के स्थान पर, खजूर या फ्रूट योगर्ट का उपभोग करें। इसके अलावा, चीनी के बजाय शहद लें। ताजे फल और सब्जियां अधिक खाएं.'