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विश्व हृदय दिवस: दुनियाभर में सबसे ज्यादा स्ट्रोक और हार्ट अटैक के कारण होती है मौत

दुनियाभर में होने वाली हर तीन में एक मौत दिल संबंधी रोगों (सीवीडी) की वजह से होती है।

Updated on: 29 Sep 2017, 09:20 AM

नई दिल्ली:

दुनियाभर में होने वाली हर तीन में एक मौत दिल संबंधी रोगों (सीवीडी) की वजह से होती है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में दिल संबंधी बीमारियों के कारण 17.7 मिलियन लोगों ने अपनी जान खो दी।

इसमें से 7.4 मिलियन लोगों की कोरोनरी हार्ट बीमरियों के कारण मृत्यु हुई वही 6.7 मिलियन लोग स्ट्रोक के कारण अपनी जान गंवा बैठे।

अधिकांश हृदय संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है जैसे कि तंबाकू का कम इस्तेमाल, अस्वास्थ्यकर आहार और मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और शराब का सेवन न करने से भी इन बीमारियों को दूर रखा जा सकता है।

  • coronary heart disease - हृदय की मांसपेशियों की आपूर्ति वाले रक्त वाहिकाओं की बीमारी
  • cerebrovascular disease - मस्तिष्क की आपूर्ति वाले रक्त वाहिकाओं की बीमारी
  • rheumatic heart disease - हृदय रोगी और हृदय वाल्व को संक्रमित बुखार से नुकसान, streptococcal जीवाणु के कारण
  • deep vein thrombosis and pulmonary embolism - पैर की नसों में रक्त के थक्कों, जो दिल और फेफड़ों को स्थानांतरित कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
  • congenital heart disease - जन्म के समय मौजूद हृदय संरचनाओं के विरूपता


क्या होता है कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक ?

कार्डियक अरेस्ट
कार्डियक अरेस्ट में दिल का ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है। दिल के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा हो जाने के कारण का असर हार्ट बीट पर पड़ता है। ब्लड में फाइब्रिनोजन की मात्रा ज्यादा हो जाने पर भी सर्कुलेशन पर इसका बुरा असर पड़ता है। कार्डियक अरेस्ट में कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है। जिन्हें दिल की बीमारी होती है उनमें कार्डियक अरेस्ट की आशंका ज्यादा होती है।

हार्ट अटैक
हार्ट अटैक सर्कुलेटरी समस्या है। इसमें दिल से जुड़ी धमनियों सिकुड़ जाती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है, दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं। इसे मायोकार्डियल इन्फार्क्शन या कोरोनरी थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं।

दिल संबंधी बीमारी होने के कारण:
दुनियाभर में होने वाली हर तीन में एक मौत दिल संबंधी रोगों (सीवीडी) की वजह से होती है। दिल के रोग न सिर्फ गलत जीवनशैली बल्कि शोरगुल वातावरण में रहने के कारण भी बढ़ती है।

सीवीडी के जोखिम कारकों में उच्च रक्तचाप, असंतुलित आहार, उच्च कोलेस्ट्रॉल, तंबाकू-धूम्रपान, शराब की ज्यादा खपत और मोटापा शामिल है जो पूरी दुनिया में आम है।

 तंबाकू के उपयोग की समाप्ति, आहार में नमक में कमी, फलों और सब्जियों का उपभोग, नियमित शारीरिक गतिविधि और शराब के हानिकारक उपयोग से बचने के लिए कार्डियोवास्कुलर रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।

 दिल संबंधी बीमारी होने के लक्षण

  • सीने में असहजता दिल के दौरे के लक्षणों में से एक है। सीने में होने वाली दर्द आपको हार्ट अटैक का शिकार बना सकता है। सीने में जलन या दर्द को कभी भी नजरअंदाज न करें।
  • बिना वर्कआउट या मेहनत के थकान होना भी हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक है। दिल को ज्यादा मेहनत की जरूरत तब होती है जब हदय धमनियां कोलेस्ट्राल के कारण बंद हो जाती है।
  • चेहरे, बांह या पैर की सुन्नता, खास तौर पर शरीर के एक ही तरफ सुन्न हो जाना
  • भ्रम, बोलने और समझने में कठिनाई
  • एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी होना
  • चलने में कठिनाई, चक्कर आना
  • बिना किसी वजह के सिर में तेज दर्द होना
  • बेहोश हो जाना

स्ट्रोक और हार्ट के जोखिम को ऐसे करें दूर
अपनी आहार में नमक की मात्रा को कम करें। हर दिन केवल पांच ग्राम नमक को अपनी आहार में शामिल करें।