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हरियाणा: पुलिस अधिकारियों के फर्जी पहचान पत्र के जरिये मुफ्त में टोल पार करने की कोशिश

अब टोल पार करने के लिए एक युवक ने पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारी का फर्जी पहचान पत्र दिखा दिया. मुफ्त में टोल पार करने के लिए लोग फर्जी आईकार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं.

Updated on: 02 Feb 2019, 02:29 PM

रोहतक:

हरियाणा के रोहतक नेशनल हाईवे स्थित रोहद टोल प्लाजा के पास पुलिस अधिकारियों के फर्जी आई कार्डों के जरिये टोल पार करने का मामला सामने आया है. रोहद टोल पर पिछले कुछ दिनों से हर रोज 50 से ज्यादा फर्जी पहचान पत्र बरामद किए जाए जा रह हैं. अब टोल पार करने के लिए एक युवक ने पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारी का फर्जी पहचान पत्र दिखा दिया. मुफ्त में टोल पार करने के लिए लोग फर्जी आईकार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं.

समस्या ये है कि फर्जी कार्ड मिलने पर हर बार पुलिस को शिकायत की जाती है लेकिन कोई कारवाई होती नहीं दिख रही है. इससे पहले रोहतक आईजी संदीप खिरवार का फोटो लगा फर्जी आईडी कार्ड भी बरामद हुआ था.

अब डीएसपी रैंक के अधिकारी का फर्जी आई कार्ड मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. जब टोल कर्मचारियों ने फर्जी आई कार्ड को पहचान लिया तो खुद को घिरा देख क्रेटा गाड़ी में सवार युवक मौके से फरार हो गए. पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई.

इस कार्ड पर हरियाणा पुलिस लिखा होने के साथ-साथ नाम राजेंद्र सिंह और रैंक डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस लिखा हुआ मिला. वहीं कार्ड की दूसरी तरफ कार्ड धारक का पता कुरुक्षेत्र के पीपली की सरस्वती कॉलोनी का लिखा गया है. कार्ड के पीछे एक इमरजेंसी मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है. साथ ही कार्ड जारी करने वाले का स्टांप और हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से लगाए गया हुआ है.

इतनी बड़ी रैंक के पुलिस अधिकारी का फोटो लगा हुआ पहचान पत्र आम लोगों के पास मिलना देश की सुरक्षा में बड़ी चूक है. टोल मैनेजर नागेंद्र कुमार का कहना है कि रोजाना रोहद टोल प्लाजा पर करीब 50 व्यक्ति फर्जी आईडी कार्ड के सहारे टोल पार करते पकड़े जाते हैं.

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उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की पुलिस में भी शिकायत दी जाती है लेकिन अब तक किसी के भी खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है और न ही किसी की गिरफ्तारी हो पाई है. वहीं पुलिस का कोई भी बड़ा अधिकारी इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

आपको बता दें कि वेस्ट हरियाणा हाईवे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से रोहतक बाईपास तक टोल वसूलने का अधिकार है. 63 किलोमीटर की सड़क पर निर्माण कंपनी ने करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. जिनकी वसूली के लिए 2033 तक टोल वसूलने की मंजूरी मिली हुई है.

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कंपनी अधिकारियों का कहना है कि हर रोज करीब 20 लाख की वसूली का अनुमान पहले लगाया गया था. लेकिन फर्जी आईडी और आसपास के कमर्शियल वाहनों की दादागिरी के कारण टारगेट से 50% की रिकवरी हो रही है. जिसके कारण टोल कंपनी को घाटा भी उठाना पड़ रहा है. टोल पर तैनात सुरक्षा अधिकारी ने लोगों से फर्जी कार्ड नहीं रखने
की अपील की है और पुलिस कर्मचारियों से मांगने पर आईडी दिखाने की भी बात कही है.