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जींद उपचुनावः जाटलैंड में खुला बीजेपी का खाता, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला को मिली करारी हार

हरियाणा की जींद (jind) और राजस्थान की रामगढ़ (Ramgarh) विधानसभा सीट (Assembly Election) पर हुए उपचुनाव (Byelection) के आज आने वाले नतीजे पर देश की निगाहें थीं.

Updated on: 31 Jan 2019, 03:45 PM

नई दिल्‍ली:

राजस्थान के रामगढ़ में तो कांग्रेस ने बाजी मार ली लेकिन जींद चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा. यहां बीजेपी के कृष्ण लाल मिड्ढा (Krishna Lal Middha) ने जीत हासिल की. कृष्ण लाल मिड्ढा (Krishna Middha) ने 12,935 वोटों के अंतर के साथ जीत हासिल की और उन्‍हें कुल 50,566 वोट मिले. जेजेपी के दिग्विजय सिंह चौटाला (Digvijay Singh Chautala) को 37,631 वोट और कांग्रेस के आरएस सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) को 22740 वोट मिले. जाटलैंड कहे जाने वाले जींद में 1972 के बाद कोई जाट विधायक नहीं बना है, न ही BJP का खाता खुला था. लेकिन इस जीत के साथ बीजेपी ने रिकॉर्ड बनाया है.

इस चुनाव की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने अपने मीडिया प्रभारी और कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा था.21 उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन कांटे की टक्कर जजपा के दिग्विजय चौटाला, बीजेपी के कृष्ण लाल मिड्ढा और कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला के बीच मानी जा रही थी.

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जींद में 28 जनवरी को उपचुनाव हुए. चुनाव के दौरान बूथों पर मतदाताओं का उत्‍साह देखते ही बना. बूथों पर लंबी कतारें लगीं रहीं. जींद में 1.7 लाख वोटर हैं जिनमें से अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. जाटों का लगभग 25 प्रतिशत वोट है. अभी इस सीट पर इंडियन लोकदल का कब्जा है.

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यह इनेलो की सीट रही है. फिर भी कांग्रेस बीजेपी की सत्ता विरोधी लहर में खुद की जीत और इनेलो की हार देख रही है. यह उपचुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि इस साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे और जीत-हार का समीकरण जींद से सीधा जोड़कर देखा जाएगा.

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कह सकते हैं यह उपचुनाव मैदान में उतरे सभी चार पार्टियों सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो और नई बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के लिए एक अग्निपरीक्षा है. सुरजेवाला का दांव थोड़ा भारी लग रहा है क्योंकि उन्होंने पहले इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को हराया था.

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इनेलो के विधायक डॉक्टर हरिचंद मिढ्ढा के निधन के कारण यह उपचुनाव चुनाव हुआ है. मैदान में कुल 21 उम्मीदवार थे लेकिन मुकाबला 4 प्रत्याशियों के बीच ही माना जा रहा था. बीजेपी की ओर से कृष्ण लाल मिढ्ढा प्रत्याशी थे. उनके पिता हरिचंद मिढ्ढा यहां से विधायक थे.