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हरियाणा: 5 बेटों ने कराई माता-पिता को श्रवण कुमार की तरह झूले में तीर्थ यात्रा

यह तो श्रवण कुमार की कहानी थी जिसका उल्लेख रामायण के अयोध्याकांड में है लेकिन क्या आप 21वीं सदी के श्रवण कुमार को जानते हैं।

Updated on: 03 Aug 2018, 09:28 AM

नई दिल्ली:

श्रवण कुमार (Shravan Kumar) की कहानी आप सबको याद होगी। वही श्रवण कुमार जो अपने अंधे माता-पिता की श्रद्धापूर्वक सेवा किया करते थे। एक बार उनके माता-पिता की इच्छा तीर्थयात्रा करने की हुई। श्रवण कुमार ने कांवर बनाई और अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गए। यह तो श्रवण कुमार की कहानी थी जिसका उल्लेख रामायण के अयोध्याकांड में है लेकिन क्या आप 21वीं सदी के श्रवण कुमार को जानते हैं।

हरियाणा (Haryana) के जिला पलवल के गांव फुलवारी के रहने वाले पांच बेटे माता-पिता को श्रवण कुमार की तरह झूले में बैठाकर हरिद्वार से कांवड़ लाए। बृहस्पतिवार को असालतनगर के पास पहुंचे पांचों बेटों का स्वागत किया गया। पिता की इच्छा पूरी करने के लिए बेटों ने यह कदम उठाया।

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हरिपाल जिनकी उम्र 85 साल है और उनकी पत्नी रूपमती को उनके बेटों उनकी इच्छा के बाद तीर्थ यात्रा कराई।

हरिपाल सिंह के 5 बेटे हैं और पांचों बेटों ने निर्णय लिया कि इस बार वह माता-पिता को श्रवण कुमार की तरह झूले में बैठाकर कांवड़ लाएंगे। चंद्रपाल सिंह के बड़े बेटे बंसीलाल ने बताया कि हम पांच भाइयों के अलावा गांव के पांच युवकों की मदद ली गई।