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सोहराबुद्दीन पर फैसला देते वक्‍त जज ने क्‍यों कहा, मैं असहाय हूं

सीबीआई की विशेष अदालत ने गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और सहयोगी तुलसी प्रजापति की मुठभेड़ में हत्या किए जाने के मामले में सभी 22 आरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया.

Updated on: 21 Dec 2018, 05:46 PM

नई दिल्ली:

सीबीआई की विशेष अदालत ने गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और सहयोगी तुलसी प्रजापति की मुठभेड़ में हत्या किए जाने के मामले में सभी 22 आरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया. सीबीआई के विशेष जज एसजे शर्मा ने कहा कि अभियोजन पक्ष कथित साजिश को साबित करने के लिए ठोस सबूत पेश करने में असफल रहा है. फैसला सुनाते वक्‍त विशेष अदालत के जज एसजे शर्मा ने कहा, मैं असहाय हूं, क्‍योंकि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत व दस्‍तावेजी साक्ष्य नहीं है.

बता दें कि इस मामले की सुनवाई पहले जज उत्पत की कोर्ट में चल रही थी. उनका ट्रांसफर होने के बाद केस जज बृजगोपाल लोया की कोर्ट में चला गया था. कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई थी. जज लोया की मौत के बाद कुछ समय के लिए इस केस में मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगाया था. सीबीआई ने कहा था कि कथित गैंगस्टर शेख, कौसर बी और प्रजापति का गुजरात पुलिस ने 22-23 नवंबर की दरमियानी रात को एक बस से अपहरण कर लिया था. सीबीआई ने कहा था कि 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास मुठभेड़ में शेख की हत्या कर दी गई थी, जबकि उसकी पत्नी की तीन दिन बाद हत्या कर उसका शव ठिकाने लगा दिया गया था.