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गुजरात में बिहार-यूपी के लोगों पर हमले जारी, 342 गिरफ्तार, ठाकोर समुदाय ने बुलाया बंद

रेप की घटना के बाद खासतौर पर यूपी बिहार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा और उनके साथ मारपीट के साथ ही राज्य छोड़ने की धमकी दी जा रही है।

Updated on: 08 Oct 2018, 11:13 AM

नई दिल्ली:

गुजरात क साबरकांठा में 14 महीने की बच्ची से रेप के बाद गैर गुजरातियों खासकर यूपी बिहार के लोगों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहा है जिसकी वजह से हजारों मजदूर अपने राज्य लौटने पर मजबूर हो रहे हैं. रेप की घटना के बाद खासतौर पर यूपी बिहार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा और उनके साथ मारपीट के साथ ही राज्य छोड़ने की धमकी दी जा रही है. पुलिस ने धमकी देने और हिंसा करने के आरोप में अब तक 342 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इस मामले को लेकर गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा है कि हिंसा और धमकी देने को लेकर अब तक 42 केस दर्ज किए जा चुके हैं और 342 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच के बाद और आरोपियों के नाम सामने आने के बाद उनकी भी गिरफ्तारी होगी.

ठाकोर समुदाय ने बुलाया गुजरात बंद

वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर ने आज गुजरात बंद भी बुलाया है. उन्होंने बंद को लेकर ट्वीट करते हुए कहा हम नहीं चाहते की राज्य में विपदा खड़ी हो और हम ऐसी किसी भी हरकत को बढ़ावा नहीं देंगे. कल गुजरात बंद जिन्होंने भी घोषित किया है उन्हें अपील करता हूं कि राज्य की मुश्किलों में बढ़ावा न करें और बंद को मोकूफ (शांतिपूर्वक) रखें.

गौरतलब है कि अल्पेश ठाकोर पर ही रेप के मामले को गुजराती बनाम बाहरी बनाकर हवा देने का आरोप है जिस पर वो अपनी सफाई में कह चुके हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया.इस मामले में हमला करने वाले लोगों में ज्यादातर ठाकोर समुदाय का नाम सामने आ रहा है.

पीएम मोदी को भी वाराणसी जाना है याद रखें: संजय निरूपम

वहीं गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों को निशाना बनाए जाने को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध. निरूपम ने कहा पीएम के गृह राज्य गुजरात में अगर यूपी बिहार और एमपी के लोगों को मार-मार के भगाया जाएगा तो एक दिन पीएम को भी वाराणसी जाना है यह याद रखना. वाराणसी के लोगों ने उन्हें गले लगाया और पीएम बनाया था.

वहीं दूसरी तरफ पुलिस का मानना है कि कुछ लोग सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्स ऐप के जरिए उत्तर भारत के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैला रहे जिसकी वजह से रेप के एक मामले ने यह रूप अख्तियार कर लिया है. गुजरात पुलिस ने कहा है कि ऐसे नफरत भरे मैसेज को फैलने से रोकने के लिए वो लोगों की पहचान कर रहे हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर इसे फैलाने में भूमिक निभाई है.

गुजरात पुलिस ने दिया सुरक्षा का भरोसा

गुजरात से हजारों यूपी-बिहार के लोगों के डर और पलायन के बीच पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया है. पुलिस महानिदेशक ने कहा, 'सभी प्रभावित इलाक़े में गुजरात के स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपी) की 17 कंपनी और एक प्लाटून की तौनाती की गई है. अभी तक 342 लोगों को हिरासत में लिया गया है इसके साथ ही 42 मामले दर्ज़ किए गए हैं. इसके साथ ही अन्य मामलों में जांच चल रही है.'

गुजरात के 6 जिले गैर गुजरातियों पर हिंसा से प्रभावित

डीजीपी ने बताया कि गुजरात से बाहरी लोगों पर हिंसा के इन मामलों में कुल 6 जिले प्रभावित हुए हैं. मेहसाणा और साबरकांठा जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. मेहसाणा में 15 केस दर्ज हुए हैं जिसके तहत 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साबरकांठा में 11 केस दर्ज हुए हैं जबकि 95 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

डीजीपी के मुताबिक इन दो जिलों के अलावा अहमदाबाद में 7 केस और 73 गिरफ्तारी, गांधीनगर में 3 केस और 27 गिरफ्तारी, अहमदाबाद ग्रामीण में 3 केस और 36 गिरफ्तारी, अरावली में 2 केस और 20 गिरफ्तारी और सुरेंद्रनगर में एक केस और दो गिरफ्तारी हुई है. सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली और भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

डीजीपी झा ने यह भी कहा, 'सबसे अधिक प्रभावित जिले गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों को शिविरों का आयोजन करने और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद करने के निर्देश दिए गए है. जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और वाहन उपलब्ध कराए गए हैं.'

रविवार को भी उत्तर भारतीयों को बनाया गया निशाना

रविवार को वघोड़िया इंडस्ट्रियल एरिया की दो इंजिनियरिंग कंपनियों में काम कर रहे गैर-गुजरातियों पर कोटांबी और कामरोल गांव के 17 लोगों ने हमला बोल दिया. वहीं न्यू रानिप इलाके से भी झड़प की सूचना सामने आई है. पुलिस माहौल को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटी हुई है.

बता दें कि 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा में एक 14 महीने की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद राज्य के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. इसके साथ ही उत्तर भारतीयों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को शिकार बनाने और सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेश फैलाए जाने का मामला भी सामने आ रहा है.