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गुजरात गिर के जंगलों में शेरों की आई शामत, फैला वाइरल रोग, अब तक 23 की मौत

एक के बाद एक हो रही शेरों की मोत किसी वायरस की वजह से बताई जा रही है. इसलिए इन शेरों से लिए गए नमूने पुणे की एनआईवी में जांच के लिए भेजे गए हैं.

Updated on: 03 Oct 2018, 02:33 PM

अहमदाबाद:

पूरे एशिया में गिर के शेरों की दहाड़ सुनाई देती है, लेकिन इन दिनों ये शेर अपनी जिंदगी बचाने में लगे हैं. गिर के जंगलों के दलखनिया रेंज में पिछले 22 दिनों में 23 शेरों की मौत हो चुकी है जबकि 30 शेरों का इलाज चल रहा है. एक के बाद एक हो रही शेरों की मोत किसी वायरस की वजह से बताई जा रही है. इसलिए इन शेरों से लिए गए नमूने पुणे की एनआईवी में जांच के लिए भेजे गए हैं.

दिल्ली से आई डॉक्टरों की जांच टीम लगातार बाकी शेरों का इलाज कर रही है. इतना ही नहीं अमेरिका से मंगाई गई खास वैक्सीन भी इन शेरों को दी जा रही है. इसका बावजूद भी इलाज के दौरान मर रहे शेर चिंता का विषय बने हुए हैं.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसे बेहद दुखद घटना बताते हुए कहा है कि सरकार शेरों की मौत को लेकर चिंतित है और एनआईवी की रिपोर्ट का इंतज़ार हो रहा है. हम शेरों के इलाज में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे.

सच्चाई यह है कि अभी तक शेरों की मौत की वजह का पता नहीं चला है. दलखनिया रेंज का एनिमल सेंटर भी शेरों से भरा पड़ा हुआ है. अब बाकी रेस्क्यू कर लाए गए शेरों को जूनागढ़ एनिमल सेंटर ले जाया जाएगा. इतना साफ है कि अगर इन शेरों की मौत का सिलसिला नहीं रुका तो एशियाटिक लायन के अस्तित्व पर भारी संकट आएगा और शेरों की संख्या भी ना के बराबर रह जाएगी.