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डीजी वंजारा ने कहा, सोहराबुद्दीन न मारा जाता तो वह नरेंद्र मोदी को मार डालता

साेहराबुद्दीन मामले में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. दूसरी ओर, इस मामले में आरोपी रहे आईपीएस डीजी वंजारा ने बड़ा बयान दिया है.

Updated on: 21 Dec 2018, 04:09 PM

नई दिल्ली:

सीबीआई की विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और तुलसी प्रजापति के मुठभेड के मामलों में सभी 22 आरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया. सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने अपने आदेश में कहा, सभी गवाह और सबूत साजिश को साबित करने के लिए काफी नहीं थे. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. दूसरी ओर, इस मामले में आरोपी रहे आईपीएस डीजी वंजारा ने बड़ा बयान दिया है.

वंजारा का कहना है कि अगर गुजरात एटीएस सोहराबुद्दीन को नहीं मारती तो वह तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या कर सकता था. आज यह साबित हो गया कि मैं और मेरी टीम सही थी. हम सच के साथ खड़े थे.' इससे पहले सितंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट ने देश के चर्चित सोहराबुद्दीन मुठभेड़ में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व एटीएस प्रमुख डीजी वंजारा समेत अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपों से बरी कर दिया था.

निचली अदालत ने गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन, गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख डीजी वंजारा, गुजरात पुलिस के अधिकारी एनके अमीन, राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और राजस्थान पुलिस के कॉन्स्टेबल दलपत सिंह राठौड़ को आरोपमुक्त कर दिया था. वंजारा ने कहा, 'कुछ कारणों से मैं 9 साल जेल में रहा, लेकिन सच सबके सामने आ गया है.'