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गुजरात: पाकिस्तान की जेल में संदिग्ध मौत के बाद भारत पहुंचा मछुआरे का शव, गांव में पसरा मातम

एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत से दोस्ती और अमन की बात करना है वहीं दूसरी तरफ वो भारतीय नागरिकों के साथ दुश्मनी और क्रूरता से भरा हुआ व्यवहार करता है जिस कारण उसकी जान चली गई

Updated on: 02 Dec 2018, 08:46 AM

नई दिल्ली:

एक तरफ जहां पाकिस्तान भारत से दोस्ती और अमन की बात करना है वहीं दूसरी तरफ वो भारतीय नागरिकों के साथ दुश्मनी और क्रूरता से भरा हुआ व्यवहार करता है जिस कारण उसकी जान चली गई. ताजा मामला गुजरात के एक मछुआरे नानूभाई कानाभाई पटेल का है जो सितंबर महीने में अपने पड़ोस के गांव उना गए थे. उसके ठीक दो महीने बाद पाकिस्तान के नेवी ने उन्हें इसी साल के नवंबर महीने में पकड़ लिया था लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनकी करांची के जेल संदिग्ध हालत में मौत हो गई. उनकी मौत कैसे ही या उन्हें जानबूझकर मारा गया यह अभी भी पहेली बना हुआ है.

नानूभाई कानाभाई पटेल का शव आज ही उनके पैतृक घर पहुंचा है जिसके बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. इससे पहले बीते साल नवंबर महीने में ही बीएसएफ ने गुजरात के कच्छ में तीन पाकिस्तानी मछुआरों को हिरासत में लिया था और उनकी पांच नावों को जब्त किया था. हारमी नाला क्रीक के पास बीएसएफ की पेट्रोल पार्टी की 79वीं बटालियन ने भारत-पाक सीमा पर इन्हें पकड़ा है.

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बीएसएफ के अधिकारी ने कहा कि इन लोगों को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है. ये घटना उस समय हुई है जब भारत की बीएसएफ और पाकिस्तान के रेंजर्स की एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत में बातचीत करने के लिये आया हुआ है.

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इससे पहले भी पाकिस्तानी मछुआरों को उनके बोट के साथ हिरासत में लिया गया है. इस इलाके में भारतीय मछुआरों को भी जाने से रोका गया है. लेकिन पाकिस्तान के मछुआरे इस इलाके में आ जाते हैं.