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गोधरा कांड: 17 साल बाद गुजरात सरकार पीड़ितों के परिजन को देगी मुआवजा

राज्य सरकार ने कहा है कि गुजरात हाई कोर्ट के 2017 के आदेश को लेकर निर्णय लिया गया है. मुआवजे को मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा.

Updated on: 14 Feb 2019, 11:47 PM

गांधीनगर:

गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर साल 2002 में साबरमती एक्सप्रेस रेलगाड़ी में 2002 में हुई आगजनी में मारे गए सभी 52 पीड़ितों के परिजनों को राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये देने का फैसला किया है. कुछ दिनों में गोधरा कांड के 17 साल पूरे होने वाले हैं. बयान के अनुसार, साबरमती एक्सप्रेस में हुई आगजनी में 59 लोगों की मौत हुई थी. अग्निकांड में मारे गए अधिकतर लोग कार सेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे.

गुजरात सरकार के एक अधिकारिक बयान के मुताबिक, राज्य सरकार ने कहा है कि गुजरात हाई कोर्ट के 2017 के आदेश को लेकर निर्णय लिया गया है. मुआवजे को मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा.

27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी में आगजनी हुई थी जिसके बाद देश ने सबसे खौफनाक दंगा देखा था. गुजरात के अलग-अलग शहरों और इलाकों में 1,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकतर अल्पसंख्यक थे.

ट्रेन आगजनी का शिकार हुए 59 पीड़ितों में 7 की पहचान अभी तक नहीं हो पाई. इसलिए 52 पीड़ितों के परिजनों को कुल 260 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे.

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गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के साथ-साथ रेलवे को पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने का निर्देश दिया था. इसके अनुसार रेलवे और राज्य सरकार को अलग-अलग 5 लाख रुपये देने को कहे गए थे. इस तरीके से पीड़ित परिवारों को 10 लाख रुपये मिलेंगे.

अक्टूबर 2017 में हाई कोर्ट ने ट्रेन अग्निकांड मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की सजा को फांसी से उम्रकैद में बदल दी थी. इस मामले में एसआईटी कोर्ट में पहले दोषी पाए गए लोगों में से 11 लोगों को फांसी और 20 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.