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गोवा की पर्रिकर सरकार पास होगी या फेल, आज होगा फ्लोर टेस्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर गुरुवार को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। उन्होंने मंगलवार को पणजी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

Updated on: 16 Mar 2017, 07:22 AM

highlights

  • गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर गुरुवार को साबित करेंगे बहुमत
  • सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिया था बहुमत साबित करने के लिए आदेश
  • बीजेपी का दावा 21 विधायक हैं समर्थन में, गोवा में 17 सीट जीतकर कांग्रेस है सबसे बड़ी पार्टी

नई दिल्ली:

गोवा में बीजेपी की नयी सरकार रहेगी या जाएगी इसपर गुरुवार को फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मनोहर पर्रिकर विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। उन्होंने मंगलवार को पणजी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

कांग्रेस 40 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। जबकि बीजेपी को 13 सीटें मिली हैं। बीजेपी को छोटे दलों ने समर्थन दिया है। जिसके बाद राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया था और पर्रिकर मुख्यमंत्री बने।

वहीं कांग्रेस का आरोप है कि राज्यपाल ने केंद्र के इशारे पर गलत ढ़ंग से बड़ी पार्टी को छोड़ बीजेपी को आमंत्रित किया।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था मामला
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप उभरने वाली कांग्रेस ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल मृदुला सिन्हा के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए मनोहर पर्रिकर को गोवा विधानसभा में गुरुवार (16 मार्च) को शक्ति परीक्षण के आदेश दिए। इससे पहले राज्यपाल ने पर्रिकर को शपथ ग्रहण के बाद गोवा विधानसभा में 15 दिनों के अंदर बहुमत साबित करने के लिए कहा था।

क्या है सीटों का समीकरण
पर्रिकर ने 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 21 सदस्यों के समर्थन का दावा किया है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के 3-3 सदस्यों ने बीजेपी के प्रति समर्थन जाहिर किया है। इसके अलावा दो निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन जताया है।

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गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 17 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन यह संख्या सरकार गठन के लिए नाकाफी है। सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों का समर्थन चाहिये।

कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि गैर कांग्रेसी विधायकों को लुभाने और खरीद-फरोख्त पर बीजेपी ने इस सप्ताह गोवा में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए। आपको बता दें की पर्रिकर की कैबिनेट में 9 मंत्री हैं जिसमें से 7 मंत्री दूसरे सहयोगी दलों के हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव गिरीश चोडनकर ने पणजी से दो बार विधायक निर्वाचित हुए सिद्धार्थ कुनकोलिनकर को गोवा विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का भी विरोध किया।

उन्होंने कहा कि कुनकोलिनकर की निष्पक्षता संदेहास्पद है, क्योंकि वह 2012-2014 के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के राजनीतिक सहायक और संयुक्त सचिव के रूप में काम कर चुके हैं।

गोवा का मसला राज्यसभा में भी कांग्रेस ने बुधवार को उठाया। सुबह कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने गोवा व मणिपुर में भाजपा पर जनादेश के उल्लंघन का आरोप लगाया। आनंद शर्मा ने कहा, 'कांग्रेस इन दोनों राज्यों में अकेली सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और इसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए था।'

मनोहर पर्रिकर की गोवा वापसी
पांच राज्यों में हुए चुनाव में पंजाब और उत्तराखंड में जहां बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। वहीं गोवा में उसे बड़ा झटका लगा। पांच साल से गोवा में बीजेपी की सरकार थी। लेकिन वह इस बार के चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर सकी।

दरअसल, गोवा के मुख्यमंत्री का पद छोड़ मनोहर पर्रिकर के मोदी कैबिनेट में रक्षा मंत्री बनने के बाद राज्य में बीजेपी लगातार कमजोर हुई। वहीं गठबंधन दलों ने भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया।

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अब फिर से बीजेपी ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाकर गोवा भेजा है। पर्रिकर इससे पहले तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने पिछले दिनों रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। पर्रिकर की जगह वित्त मंत्री अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला है।

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(इनपुट IANS से भी)