logo-image

गोवा में पर्रिकर की सरकार बनते ही कांग्रेस में बगावत, MLA विश्वजीत राणे ने दिया इस्तीफा (Video)

गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सरकार बनते ही कांग्रेस में बगावत शुरू हो गयी है। राज्य में कांग्रेस के मैनेजमेंट से नाराज विश्‍वजीत राणे ने विधायक और पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

Updated on: 16 Mar 2017, 07:56 PM

highlights

  • गोवा में कांग्रेस को झटका, MLA विश्‍वजीत राणे ने दिया इस्तीफा
  • राणे की विधानसभा सीट से गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर चुनाव लड़ सकते हैं
  • गोवा में कांग्रेस सरकार बनाने में विफल रही है जिससे राणे नाराज हैं

नई दिल्ली:

गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सरकार बनते ही कांग्रेस में बगावत शुरू हो गयी है। राज्य में कांग्रेस के मैनेजमेंट से नाराज विश्‍वजीत राणे ने विधायक और पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि कार्यवाहक स्पीकर ने उन्हें इस्तीफे पर दोबारा से विचार करने के लिए कहा है।

राणे ने कहा,  'हमने भारी मन से कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।' खबर है कि राणे की विधानसभा सीट से मनोहर पर्रिकर चुनाव लड़ सकते हैं।

राणे ने बुधवार को कहा था कि वह और 'समान विचार वाले पार्टी के अन्य विधायक यह सोचने पर मजबूर हैं कि भविष्य में कांग्रेस के साथ बने रहें या नहीं।' वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक विश्वजीत राणे ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से हस्तक्षेप करने और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है, जिन्होंने सरकार बनाने में लापरवाही बरती।

गौरतलब है कि गोवा विधानसभा में गुरुवार को हुए शक्ति परीक्षण में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने जीत हासिल कर ली। पर्रिकर ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पर्रिकर सरकार के पक्ष में 22 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में केवल 16 वोट पड़े।

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को रविवार को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता चंद्रकांत कावलेकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तटीय राज्य की नई सरकार से गुरुवार को ही बहुमत साबित करने को कहा था।

और पढ़ें: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल बोले, बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में धनबल से बनाई सरकार

गोवा विधानसभा की 40 सीटों के लिए हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हालांकि 13 सीटें ही मिली थीं और कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन बहुमत के लिए आवश्यक 21 विधायकों के समर्थन का जादुई आंकड़ा पूरा करने में कांग्रेस पीछे रह गई और यहां बीजेपी ने बाजी मार ली।

पार्टी को महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड के तीन-तीन विधायकों तथा तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल हुआ। कांग्रेस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त और संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।