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गोवा विधानसभा चुनाव 2017: जानिए, कौन हैं आम आदमी पार्टी के सीएम पद उम्मीदवार एल्विस गोम्स

आप ने दावा किया है कि एल्विस गोम्स गोवा में मुख्यमंत्री पद के सबसे लोकप्रिय चेहरे के तौर पर देखे जा रहे हैं।

Updated on: 10 Mar 2017, 01:40 PM

highlights

  • 53 वर्षीय पार्टी संयोजक एल्विस गोम्स ने 2016 में नौकरी से त्यागपत्र देकर राजनीति में कदम रखा था।
  • गोम्स गोवा में एक जाने पहचाने अधिकारी हैं और गोवा प्रशासन के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

नई दिल्ली:

एल्विस गोम्स गोवा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किये गये हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को दावा किया कि गोवा विधानसभा चुनावों में उसे राज्य की कुल 40 विधानसभा सीटों में से 24 सीटें हासिल होंगी। पार्टी ने यह दावा भी किया कि राज्य में सत्ताधारी बीजेपी को महज आठ और मुख्य विपक्षी कांग्रेस को चार सीटें नसीब होंगी।

एक अंदरूनी सर्वेक्षण के आधार पर आप ने दावा किया है कि एल्विस गोम्स गोवा में मुख्यमंत्री पद के सबसे लोकप्रिय चेहरे के तौर पर देखे जा रहे हैं। गोम्स 19 साल तक गोवा में महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके हैं। गोम्स इससे पहले पणजी नगर निगम के आयुक्त और राज्य के बंदरगाहों के कप्तान के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही वे गोवा फुटबाल संघ के अध्यक्ष के रूप में भी चुने गए थे।

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कौन है एल्विस गोम्स ?

53 वर्षीय पार्टी संयोजक एल्विस गोम्स ने 2016 में नौकरी से त्यागपत्र देकर राजनीति में कदम रखा था। उस समय गोम्स गोवा में महानिरीक्षक कारागार और शहरी विकास सचिव के पद पर तैनात थे। गोवा प्रशासनिक सेवा से त्याग पत्र देने तक लगातार राज्य सरकार से संघर्ष करते रहे।

गोम्स गोवा में एक जाने पहचाने अधिकारी हैं और गोवा प्रशासन के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। आईजी जेल के अतिरिक्त उनके पास शहरी विकास के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी था। वे नगर निगम प्रशासन के निदेशक भी रह चुके हैं। साथ ही पर्यटन विभाग के निदेशक और गोवा हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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एल्विस गोम्स पर क्या है आरोप ?

पूर्व नौकरशाह गोम्स पर राज्य के भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने गोवा हाउसिंग बोर्ड में अनियमितता करने का आरोप लगाया था। इस वजह से ही पिछले दो सालों से गोम्स का राज्य में भाजपा की सरकार के साथ टकराव चल रहा था। उनके पद से त्यागपत्र दिए जाने के आसपास गोवा के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गोम्स के खिलाफ एक प्राथमिक दर्ज की।

गोवा हाउसिंग बोर्ड में उनके कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं के लिए इसमें उनको आरोपी बनाया गया है। इस पर बहुत से लोगों को अचरज हुआ क्योंकि यह मामला एक बहुत बड़े ‘भूमि घाटाले’ से संबंधित है और इसकी जांच भी चल रही थी। यह मामला जिस समय का है गोम्स विभाग में तैनात नहीं किए गए थे। यहाँ तक कि गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा ने भी इस विषय पर कहा कि गोम्स को राजनिति का शिकार बनाया गया है।

हालांकि गोम्स ने इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए ख़ारिज़ कर दिया।

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इन मुद्दों पर गोम्स लड़ेंगे चुनाव

कहा जाता है कि गोम्स के साथ राज्य में बड़ी नाइंसाफ़ी हुई है। उन्हें कई बार भ्रष्टाचार के फर्ज़ी मामले में शिकार बना लिया गया था, इसलिये वो भ्रष्टाचार के मुद्दे को सबसे अधिक प्रमुखता देंगे।

गोम्स 19 साल से अधिक समय तक गोवा प्रशासन में रहे हैं और इस दौरान उनके अनुसार सरकारी पदों पर काम करने वालों पर बहुत अधिक अन्याय होते भी देखा है। ऐसे में कर्मचारियों के काम काज को सरल बनाना भी गोम्स की प्राथमिकताओं में शामिल है।

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गोवा में जाति-धर्म की लड़ाई चुनावों को प्रभावित नहीं करती है। गोवा राज्य का विकास अपेक्षा के अनुरूप नहीं हुआ है। यहां बेरोजगारी, नशा बड़ी समस्या है और शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। इन मुद्दों को लेकर 'आप' यहां चुनाव में उतरी है। 'आप' का मानना है कि आम लोगों से जुड़े यह मुद्दे उसे चुनाव में फायदा पहुंचा सकते हैं।