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अखिलेश यादव के 3 साल पहले के एक्शन का सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बदला तो नहीं लिया!

कभी पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में योगी आदित्यानाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाने से रोका था तो वहीं, मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोककर अपना हिसाब बराबर कर लिया

Updated on: 13 Feb 2019, 10:04 AM

नई दिल्ली:

कभी पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में योगी आदित्यानाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाने से रोका था तो वहीं, मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोककर अपना हिसाब बराबर कर लिया. इसे लेकर सपाइयों ने जमकर हंगामा किया.

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यह मामला करीब तीन साल पहले का है. 20 नवंबर 2015 को प्रयागराज के इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के उद्घाटन कार्यक्रम में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और वर्तमान में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को शामिल होने जाना था. तब यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. राज्य सरकार ने योगी को इलाहाबाद की सीमा पर रोक दिया था और जिले में धारा 144 लागू कर दी थी. इसके कारण योगी छात्रसंघ के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे। वहीं, मंगलवार को योगी सरकार ने इलाहाबाद विवि जा रहे सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को एयरपोर्ट पर रोक दिया। इसके खिलाफ सपाइयों ने संसद से लेकर सड़क तक जमकर हंगामा किया। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इसे लोग योगी का 'हिसाब बराबर' करना बताया जा रहा है.

इस पर सपा की प्रवक्ता रही पंखुड़ी पाठक ने कहा कि जब योगी आदित्यनाथ सांसद थे तब उन्हें इलाहबाद विवि जाने से रोका गया था, क्योंकि वह कई हिंसा भड़काने और कानून का उल्लंघन करने के मामलों में आरोपी थे. ऐसे व्यक्ति के वहां जाने से कानून-व्यवस्था को बेशक खतरा था, लेकिन अखिलेश यादव से आपत्ति क्यों. वहीं, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस घटना को सीएम योगी का बदला बताया.

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दूसरे दिन भी सुनाई देगी गूंज
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को एयरपोर्ट पर रोके जाने के मामले की गूंज दूसरे दिन बुधवार को भी सियासी गलियारों में सुनाई देगी. विधानभवन से लेकर राजभवन तक सपाई अपना रोष व्यक्त करेंगे. सपा-बसपा का प्रतिनिधिमंडल सुबह 10 बजे राजभवन में राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात करेगा. प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई नेता विरोधी दल विधानपरिषद अहमद हसन और बसपा नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा करेंगे. वह राज्य सरकार के रवैये को लेकर राज्यपाल के सामने विरोध करेंगे और इस पर उचित कार्रवार्ई की मांग करेंगे. साथ ही सपा-बसपा ने विधानसभा और विधानपरिषद की कार्रवाई न चलने देने का भी ऐलान किया है

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ऐसे रोके गए थे योगी
योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद विवि के जिस कार्यक्रम में जानेवाले थे, वहां उन्हें बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था. लेकिन एक दिन पहले ही स्थानीय प्रशासन ने उनके वहां आने पर रोक लगा दी. सुबह कार्यक्रम स्थल के साथ ही जिले की सीमाओं और कार्यक्रम वहां जाने वाले सभी रास्तों पर सील कर दिया गया. इस बीच योगी को इलाहाबाद की सीमा में प्रवेश से पहले ही रोक दिया गया. इसकी सूचना मिलने पर राज्य के मौजूदा डिप्टी सीएम और तत्कालीन सांसद केशव प्रसाद मौर्य और विनोद सोनकर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए, हालांकि उन्हें भी एयू कैंपस में प्रवेश करने से पहले ही रोक लिया गया. इसके विरोध में दोनों सांसद, समर्थकों समेत धरने पर बैठ गए. पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया. जब वे नहीं माने तो दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइंस ले जाया गया, जहां से लगभग दो घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था.

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पुलिस ने लाठी चलाई तो छात्रों ने किया था पथराव
योगी आदित्यनाथ को रोके जाने के विरोध में एयू छात्रसंघ के पदाधिकारी और एवीबीपी कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन और चक्काजाम किया था. विवि के छात्रसंघ भवन के सामने पुलिस ने छात्रों को खदेड़ने के लिए लाठी चलाई तो जवाब में छात्रों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया. बालसन चौराहे और चंद्रलोक चौराहे पर हिंदू युवा वाहिनी और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सीएम अखिलेश यादव का पुतला जलाया. बाद में योगी आदित्यनाथ ने फोन के जरिए उस कार्यक्रम को संबोधित किया.