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PM Narendra Modi Exclusive: आप अपनी जेब में पर्स (बटुआ) रखते हैं के जवाब में जानें क्‍या कहा पीएम मोदी ने

राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के संदर्भ में उनसे एक रोचक सवाल पूछा गया.

Updated on: 12 May 2019, 09:13 PM

highlights

  • विलासिता के लिए हर किसी का अपना अलग मानदंड होता है
  • पीएम नरेंद्र मोदी बोले, बचपन में जाकर मुफ्त में फिल्‍म देखता था
  • मेरे अंदर भी संवेदनाएं हैं लेकिन मुझ पर जिम्‍मेदारियां भी है

नई दिल्ली:

राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के संदर्भ में उनसे एक रोचक सवाल पूछा गया. सवाल यह था कि क्‍या आप अपनी जेब में बटुआ रखते हैं? इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पहले तो पैसे होते नहीं थे कि बटुआ रखना पड़े. पहली बार विधायक बना तो सरकार की ओर से पैसे आने लगे तो बैंक में खाते खुले. खाते में पैसे आने लगे. हर महीने जो भी मेरा खर्च होता है, उतना ही मैं उठाता हूं. उसे भी अपने स्‍टाफ को दे देता हूं, ताकि वो मेरे दाल-रोटी का खर्च मैनेज कर सके.

अपने पैसे से विलासिता की कोई चीज खरीदी है कि नहीं, के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, "विलासिता के लिए हर किसी का अपना अलग मानदंड होता है. अगर कोई यह कहे कि हिमालय चले जाओ तो यह मोदी के लिए विलासिता हो सकती है, लेकिन सभी के लिए नहीं हो सकती. बचपन में जाकर मुफ्त में फिल्‍म देखता था. मेरा एक दोस्‍त था दशरथ, उसके पिताजी थिएटर के बाहर चॉकलेट, चना वगैरह बेचते थे. थिएटर में सीट खाली होने पर वे हमको अंदर घुसा देते थे."

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राफेल डील में राहुल गांधी के 30 हजार करोड़ रुपये इधर से उधर करने के आरोपों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी बोले, "मैं आरोप लगाने वालों को जानता हूं, उनके इरादे को भी जानता हूं और देश भी जानता है. जो सवाल मुझसे पूछा जाता है, वही सवाल उनसे जाकर पूछना चाहिए. ऐसा कोई पत्रकार होता है तो मैं उसके घर जाकर सम्‍मानित करूंगा. अभी तक देश भर में मुझे कोई न्‍यूट्रल पत्रकार नहीं दिखा. उनसे जानकारी लाइए तो सही."

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उन्‍होंने कहा, "एक तो मैं भी इंसान हूं, मेरे अंदर भी संवेदनाएं हैं लेकिन मुझ पर जिम्‍मेदारियां भी है. मैं व्‍यक्‍तिगत भावनाओं के बदले देश की भावनाओं को समझना चाहिए. मैं इन हमलों को झेलने की ताकत बढ़ाता रहता हूं और जनता के आशीर्वाद से ताकत बढ़ रही है."