logo-image

तीसरा चरण छत्‍तीसगढ़ः नए नवेले प्रत्‍याशियों पर दोनों दलों ने लगाया दांव

छत्तीसगढ़ की जिन सीटों पर इस चरण में वोट डाले जाएंगे उसमें सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चंपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर शामिल हैं

Updated on: 21 Apr 2019, 05:35 PM

नई दिल्‍ली:

छत्तीसगढ़ की जिन सीटों पर तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे उसमें सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चंपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर शामिल हैं. पिछले दो चरणों में छत्‍तीसगढ़ की जनता ने लोकतंत्र के इस महापर्व में खूब उत्‍साह दिखाया है.तीसरे चरण में 14 राज्यों की 117 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इन सीटों के अलावा दूसरे चरण की जिन दो लोकसभा सीटों (तमिलनाडु की वेल्लोर और त्रिपुरा की पश्चिम सीट) पर चुनाव आयोग ने मतदान टाल दिया था. उस पर भी वोट डाले जाएंगे. इस तरह से 16 राज्यों की 117 सीटों पर वोटिंग होगी. इस चरण में असम की 4, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7, गुजरात की सभी 26, गोवा की 2, जम्मू कश्मीर की 1, कर्नाटक की 14, केरल की सभी 20, महाराष्ट्र की 14, ओडिशा की 6, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की 5, दादरा-नगर हवेली की 1, दमन व दीव- 1 सीट शामिल है.

लोकसभा बीजेपी कांग्रेस बीएसपी
सरगुजा रेणुका सिंह खेल साय सिंह माया भगत
रायगढ़ गोमती साय लालजीत सिंह राठिया इनोसेंट कुजूर
जांजगीर चांपा गुहाराम अजगले रवि भारद्वाज दाऊराम रत्नाकर
कोरबा ज्योतिनंद दुबे ज्योत्सना महंत परमीत सिंह
बिलासपुर अरुण साव अटल श्रीवास्तव उत्तम दास गुरु गोसाई
दुर्ग विजय बघेल प्रतिमा चंद्राकर गीतांजलि सिंह
रायपुर सुनील सोनी प्रमोद दुबे खिलेश्वर साहु

कोरबा
छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. कोरबा जिले का गठन 25 मई, 1998 को किया गया था. यह एक आदिवासी बहुसंख्यक जिला है जो छत्तीसगढ़ के उत्तर-मध्य भाग में स्थित है. कोरबा छत्तीसगढ़ राज्य की पावर कैपिटल कही जाती है. यह जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है और मुख्य रूप से आदिवासी द्वारा संरक्षित जनजाति कोरवा (पहाड़ी कोरवा) का बसाया हुआ है. इस सीट से वर्तमान सांसद बंशीलाल महतो हैं. बीजेपी ने म‍हतो का टिकट काटकर ज्योति नंद दुबे को इस बार मैदान में उतारा है.

जांजगीर-चांपा
छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट एसससी वर्ग के लिए आरक्षित है. जिला जांजगीर-चाम्पा की स्थापना 25 मई 1998 को हुई थी. 2014 में जांजगीर चांपा के चुनाव परिणाम में बीजेपी की कमला पटले ने कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग 1.75 लाख मतों से हराकर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी दूसरी जीत दर्ज की.

रायगढ़

अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है. रायगढ़ जिले का रायगढ़ शहर अपने कोयले के भंडरों और बिजली उत्पादन के लिए मशहूर है. यह देश का बड़ा लोहा-स्टील का उत्पादक भी है. छत्तीसगढ़ के निर्माण से पहले 1952 से 1999 तक रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता था. मदन सिंह ने रायगढ़ राज्य की स्थापना की थी. इस सीट से वर्तमान सांसद विष्णु देव साय की जगह बीजेपी ने गोमती साय को इस बार मैदान में उतारा है.

अब तक इस सीट पर 16 बार में से 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में बीजेपी का ही कब्‍जा रहा. विष्णु देव साय लगातार चार बार से बीजेपी के टिकट पर लड़ते और जीतते आ रहे हैं. कांग्रेस की वर्तमान वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुष्पा देवी इस लोकसभा सीट से तीन बार जीतकर सांसद रह चुकी हैं.

सरगुजा

छत्तीसगढ़ की सरगुजा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है. सरगुजा जिले का अंबिकापुर छ्त्तीसगढ़ के पुराने शहरों में से एक है. सरगुजा स्टेट के राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रमन सिंह सरकार के चौथी बार सत्ता में काबिज होने का सपना तोड़ते हुए सरकार बनाने वाली कांग्रेस सरकार में सरगुजा संभाग से दो मंत्री टीएस सिंहदेव और डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को कैबिनेट में जगह दी गई है.

इस सीट पर पिछले 4 बार से बीजेपी का ही कब्जा है. वर्तमान सांसद कमलभान सिंह मराबी का टिकट काटकर बीजेपी ने रेणुका सिंह को इस बार मैदान में उतारा है.लोकसभा के 2004, 2009 और 2014 चुनावों में सरगुजा सीट पर बीजेपी ही जीतती आ रही है.