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...तो क्या GST को 'गब्बर सिंह टैक्स' नहीं मान रहे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में पार्टियों के बीच आपसी मतभेद साफ-साफ दिख रहा है.

Updated on: 16 Mar 2019, 11:00 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में पार्टियों के बीच आपसी मतभेद साफ-साफ दिख रहा है. मीडिया ग्रुप हिन्दू बिजनेस लाइन द्वारा दिल्ली में आयोजित चेंजमेकर अवॉर्ड्स में जीएसटी काउंसिल को ‘चेंजमेकर ऑफ द ईयर अवार्ड’दिया गया. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जीएसटी काउंसिल के चेयरमैन वित्त मंत्री अरुण जेटली को अवॉर्ड दिया तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी की तुलना गब्बर सिंह टैक्स से किया. इस कार्यकमर में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व पीएम शामिल हुए थे.

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जीएसटी काउंसिल को ये अवॉर्ड 'वन नेशन वन टैक्स' की दिशा में काम करने के लिए दिया गया. बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने संघवाद के सिद्धांतों पर काम करते हुए अलग-अलग राजनीतिक दलों को एक छतरी के नीचे लाया और जीएसटी को पूरे देश में सफलतापूर्वक लागू करवाया. जीएसटी काउंसिल की कामयाबी का सबसे अच्छा उदाहरण ये है कि इसे विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए कभी भी वोटिंग का सहारा नहीं लेना पड़ा. इस काउंसिल के सामने विवाद या असहमति के जितने भी मुद्दे आए सभी सदस्यों ने मिल बैठकर ही इसका समाधान किया. जीएसटी काउंसिल का चेयरमैन होने के नाते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस अवॉर्ड को लिया.

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बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी GST को गब्बर सिंह टैक्स बता कर इसको लागू करने के ढंग पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. हालांकि, जीएसटी (GST) का विचार सबसे पहले यूपीए सरकार के दौरान ही सामने आया था. 10 नवंबर 2017 को राहुल गांधी ने कहा था कि वे देश में 'गब्बर सिंह टैक्स' को थोपने नहीं देंगे. उन्होंने यह बात तब कही थी जब वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने 177 चीजों से जीएसटी की दरें कम कर दी थी.