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लोकसभा चुनाव खत्म होते ही उत्तर प्रदेश में दिख रहा मंत्रियों पर कार्रवाई का दौर

इसके चलते एमएलए रामवीर उपाध्याय को बसपा से निलंबित किया गया.

Updated on: 21 May 2019, 10:06 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद शुरू हुआ कार्रवाई का दौर, सोमवार को ओमप्रकाश राजभर की मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद मंगलवार को बसपा ने भी संगठनात्मक कार्रवाई की. इसके चलते एमएलए रामवीर उपाध्याय को बसपा से निलंबित किया गया. साथ ही रामवीर उपाध्याय को विधानसभा में बसपा के मुख्य सचेतक पद से भी हटाया गया. बताया जा रहा है कि ऐसा लोकसभा चुनाव में उनके पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई की गई है.

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बसपा सरकार में मंत्री रह चुके है रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा उम्मीदवार बनाया गया था. चुनाव लड़ने से इनकार करने पर नामांकन के आखिरी दिन बसपा ने भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित को बनाया था उम्मीदवार.

बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह पहले ओमप्रकाश राजभर को हटाने संबंधी सिफारिश राज्यपाल रामनाईक से की. सीएम ने ट्वीट कर इस फैसले को सार्वजनिक किया. सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर प्रदेश सरकार में दिव्यांगजन व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री थे. वैसे तो राजभर की बीजेपी से तनातनी पहले से ही चल रही थी लेकिन लोकसभा चुनाव के वक्त तो यह और बढ़ गई. राजभर खुले आम भाजपा की तीखी आलोचना करने लगे. यही नहीं उन्होंने बीजेपी के खिलाफ कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. बीजेपी ने इसे गंभीरता से लिया.

वैसे बीजेपी ने उसी वक्त  ओमप्रकाश राजभर को हटाने का मन बना लिया था लेकिन चुनाव के दौरान भाजपा ऐसा कोई कदम नही उठाना चाहती थी कि जिससे ओम प्रकाश राजभर को सहानुभूति बटोरने का मौका मिले और राजभर समुदाय में बीजेपी को लेकर कोई गलतफहमी हो. जैसा ही सातवें चरण का चुनाव निपटा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बर्खास्त करने में देर नहीं लगाई. 

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को प्रदेश मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के साथ ही प्रदेश सरकार ने इनकी पार्टी से निगमों और परिषदों में तैनात पदाधिकारियों को भी हटाने का आदेश दे दिया है. आम चुनाव की अधिसूचना जारी होने से महज कुछ घंटे पहले ही इन्हें तैनात किया गया था.