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घोटाले पर राहुल का बड़ा हमला, कहा रॉबर्ट वाड्रा और पीएम मोदी दोनों की होनी चाहिए जांच

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को यहां कहा कि उन्हें अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के व्यापार सौदे की जांच को लेकर कोई आपत्ति नहीं है

Updated on: 13 Mar 2019, 08:27 PM

चेन्नई:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को यहां कहा कि उन्हें अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के व्यापार सौदे की जांच को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन राफेल सौदे के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जांच होनी चाहिए. यहां स्टेला मैरिस कॉलेज फॉर वुमेन की छात्राओं से बातचीत में गांधी ने एक छात्रा के कठिन सवाल का सामना किया. छात्रा ने उनसे पूछा कि उन्होंने धोखाधड़ी के आरोपियों नीरव मोदी, विजय माल्या और अन्य के नामों के साथ रॉबर्ट वाड्रा का उल्लेख क्यों नहीं किया. इसपर राहुल ने कहा, "उनके (वाड्रा) बारे में क्या? सरकार के पास पूरा अधिकार है और उसे हर किसी की जांच करनी चाहिए. कानून कुछ चुनिंदा लोगों पर लागू नहीं होना चाहिए. मैं यह कहने वाला पहला व्यक्ति हूं कि वाड्रा के खिलाफ जांच की जाए. लेकिन प्रधानमंत्री की भी जांच कीजिए."

गांधी ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री का नाम सरकारी दस्तावेज में है, जिसमें कहा गया है कि वह राफेल लड़ाकू विमान सौदे में फ्रांस की दसॉ एविएशन के साथ समानांतर बातचीत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. इससे पहले एक सवाल में उन्होंने बैंकों से धोखाधड़ी करने के बाद नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे व्यापारियों को 'देश से भागने की सुविधा देने के लिए' केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, "नोटबंदी के दौरान लोगों द्वारा बैंकों में जमा किए गए पैसों को इन व्यापारियों को दे दिया गया."

राहुल ने छात्राओं से पूछा कि उन्होंने कितनी बार मोदी को प्रश्नों के जवाब देते हुए देखा है. 

टी-शर्ट और जीन्स पहने राहुल को आर्थिक विकास, जम्मू एवं कश्मीर में शांति लाने के बारे में कांग्रेसनीत संप्रग की योजनाओं, उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आरोपों, मोदी सरकार के बारे में उनके विचार और संसद में नरेंद्र मोदी को गले लगाने के कारणों के बारे में छात्राओं के सवालों का सामना करना पड़ा.

जम्मू एवं कश्मीर में शांति वापस लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहला कदम वहां के लोगों से संपर्क करना है. संपर्क के इस पुल को संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 के बीच बनाया गया था. इसके परिणामस्वरूप, आतंकी हमलों में भारी कमी आई थी और चुनाव कराकर लोगों को शक्तियां दी गईं थीं.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकी हमलों को अंजाम देगा, लेकिन हमें जम्मू एवं कश्मीर के लोगों से जुड़ना होगा.

देश में महिलाओं की स्थिति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में हालात बेहतर हैं. लेकिन, उन्होंने तुरंत कहा, "तमिलनाडु में अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि अगर संप्रग सरकार सत्ता में आती है तो महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाएगा और केंद्र व राज्य सरकारों में 33 फीसदी नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

संप्रग सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रक्रिया को आसान बनाएगी और कर की एक दर रखेगी. राहुल ने जोर देकर कहा कि मोदी के प्रति उनके दिल में कोई नफरत नहीं है.

उन्होंने कहा, "प्यार हर धर्म की बुनियाद है, चाहे वह हिंदू धर्म हो, इस्लाम हो या ईसाई धर्म हो. मैं संसद में प्रधानमंत्री का भाषण देख रहा था, जहां वह मेरे पिता (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी), दादी (दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी), परदादा (प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू) और कांग्रेस की आलोचना कर रहे थे." राहुल ने कहा, "अपने भीतर मैं उनके प्रति स्नेह महसूस कर रहा था. वह इतना गुस्से में थे कि वह दुनिया की सुंदरता नहीं देख पा रहे थे."

राहुल ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि मोदी को वह प्यार नहीं मिला जो वह चाहते थे. उन्होंने कहा, "मैं स्नेह दिखाना चाहता था और इसलिए मैंने उन्हें गले लगाया." उन्होंने कहा कि 2014 में संप्रग की हार ने उन्हें कई सबक सिखाए.

उन्होंने कहा, "मैं मोदी से सीखता हूं. मैं उनसे नफरत नहीं करता. क्या आप उस व्यक्ति से नफरत करते हैं जो आपको सिखाता है?" गांधी ने छात्राओं से यह पूछा और जवाब में छात्राओं ने 'ना' कहा.

राहुल ने कहा, "सबसे बड़े शिक्षक वे लोग हैं, जो हमला करते हैं. जितना अधिक आप पर हमला किया जाता है, उतना ही प्यार और स्नेह वापस आप देते हैं." उनके मुताबिक, वर्तमान केंद्र सरकार का ध्यान उत्तर भारत पर केंद्रित है, जबकि उनका मानना है कि भारत के सभी हिस्सों पर एक समान ध्यान दिया जाना चाहिए.

राहुल ने कहा कि दुनिया अमेरिका केंद्रित से अमेरिका-चीन-रूस केंद्रित हो रही है और भारत को दाएं या बाएं नहीं, बल्कि सीधे खड़े रहना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा मित्र पूंजीवाद (क्रोनी कैप्टलिज्म) और भ्रष्टाचार है.

शिक्षा प्रणाली के सवाल पर राहुल ने कहा कि इस क्षेत्र में सरकार को काम करना चाहिए, क्योंकि सब कुछ निजी क्षेत्र के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता है.

राहुल के साथ बातचीत के दौरान हल्के-फुल्के क्षण भी आए, जब छात्राओं ने राहुल को संबोधित करने के लिए सर कहा, जिस पर राहुल ने छात्राओं से सर नहीं कहने को कहा. राहुल की इस बात पर छात्राओं ने तालियां बजाईं.