लखनऊ में 4 फरवरी को चार्ज लेंगी प्रियंका गांधी, भाई राहुल भी होंगे साथ
प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में अपना पहला कदम रखकर उत्तर प्रदेश की सियासत को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिलचस्प बना दिया है.
नई दिल्ली:
प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में अपना पहला कदम रखकर उत्तर प्रदेश की सियासत को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिलचस्प बना दिया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में विरोधियों के चक्रव्यूह को भेदना उनके लिए आसान नहीं होगा. प्रियंका इस बात को अच्छी तरह समझती हैं. लिहाजा उन्होंने दिल्ली के बजाय लखनऊ से अपनी सियासी पारी का आगाज करने का फैसला किया है.
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प्रियंका गांधी 4 फरवरी को लखनऊ के कांग्रेस ऑफिस में अपना पदभार ग्रहण करेंगी. उस वक्त उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष और उनके भाई राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे. इसके बाद राहुल और प्रियंका के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया जाएगा. इसी दिन प्रियंका सूबे के नेताओं के साथ बैठक करेंगी. इसके बाद प्रियंका पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों के दौरे की रणनीति तैयार करने में जुट जाएंगी. दौरे के दौरान बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करने के लिए रूपरेखा भी बनाई जा रही है.
कांग्रेस की नजर पूर्वांचल की 36 लोकसभा सीटों पर है और कांग्रेस यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाना चाहती है. पार्टी ने भले ही अपना प्रियंका रूपी ब्रह्मास्त्र चल दिया हो लेकिन बहुजन समाज पार्टी-समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की इस ब्रह्मास्त्र की काट आना अभी बाकी है. यानी आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की सियासत और दिलचस्प होती दिखाई देगी.
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बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव नियुक्त कर उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी गई है. केसी वेणुगोपाल को महासचिव संगठन बनाया गया है.
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