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हिंसा का माहौल बनाने में जुटे कुछ नेता, छिपे शब्दों में दे रहे धमकी

उपेंद्र कुशवाहा के बाद बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा मतगणना की प्रक्रिया में फेरबदल से इंकार करने पर सीताराम यचूरी ने कहा है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.

Updated on: 22 May 2019, 03:59 PM

highlights

सीताराम यचूरी ने कहा बिगड़ सकती है कानून-व्यवस्था.
उपेंद्र कुशवाहा भी कह चुके बहेंगी खून की नदियां.
बीजेपी की जात पचाने को तैयार नहीं है विपक्ष.

नई दिल्ली.:

23 मई को 2019 लोकसभा चुनाव की मतगणना होने जा रही है. इसके पहले से ही विपक्ष निर्वाचन आयोग से कई दौर की मेल-मुलाकात कर ईवीएम को कठघरे में खड़ा कर चुका है. हालांकि बुधवार को चुनाव आयोग ने दो टूक कह दिया है कि मतगणना अपनी तय प्रक्रिया के तहत ही होगी. इसके तुरंत बाद सीताराम यचूरी ने एक ट्वीट कर चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात कही है. गौरतलब है कि मंगलवार को महागठबंधन के एक कार्यक्रम में उपेंद्र कुशवाहा ने खून की नदियां बहने संबंधी बयान दिया था.

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सोशल मीडिया पर चल रहा हिंसा की आशंकाओं का दौर
विपक्ष के इस तरह के बयानों से सोशल मीडिया पर इस तरह की चर्चा चल रही है कि 23 मई को बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद हिंसा की घटनाएं सामने आ सकती हैं. खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में इस तरह की बातें कुछ ज्यादा हो रही हैं. मंगलवार को ईवीएम में धांधली की शिकायतों को लेकर महागठबंधन के नेता दिल्ली में एकत्र हुए थे और उन्होंने वीवीपैट की पर्चियों से मिलान का मुद्दा उठाते हुए चुनाव आयोग से मतगणना के शुरू में ईवीएम में दर्ज वोट और वीवीपैट की पर्ची से मिलान की बात उठाई थी.

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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था बहेंगी खून की नदियां
इसके बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि वोट की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर हथियार भी उठाने पड़े तो वह हिचकेंगे नहीं. अगर लोकतंत्र की आवाज को दबाने के प्रयास किए गए तो सड़कों पर खून की नदियां बहेंगी. हालांकि अपने बयान की चौतरफा आलोचना होती देख बाद में वह अपने ही बयान से पलट गए. उन्होंने कहा, 'खून की नदियां बहेंगी मैंने कभी नहीं कहा था. मेरा मतलब था कि जनता में आक्रोश बढ़ रहा है और अगर कुछ भी गड़बड़ होती है तो जनता उसका जवाब देगी. जनता के आक्रोश को रोकना मुश्किल होगा. इसके जिम्मेदार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारत के प्रधानमंत्री होंगे.'

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अब सीताराम यचूरी ने कहा बिगड़ सकती है कानून व्यवस्था
उपेंद्र कुशवाहा के बाद बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा मतगणना की प्रक्रिया में फेरबदल से इंकार करने पर सीताराम यचूरी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. यदि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता के लिए इस प्रक्रिया को इतना लंबा खींचा गया है, तो चुनाव आयोग पहले नमूने के परीक्षण के मूल सिद्धांत का पालन क्यों नहीं कर रहा है? उन्होंने साथ में यह भी लिखा कि वीवीपैट की पर्चियों का मिलान भी सुबह वोटों की गिनती के साथ शुरू होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.