logo-image

पीएम नरेंद्र मोदी के बाद अब ममता बनर्जी की बायोपिक 'बाघिनि' का मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्‍म ' पीएम नरेंद्र मोदी' के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बायोपिक 'बाघिनि' का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है.

Updated on: 17 Apr 2019, 09:00 PM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्‍म ' पीएम नरेंद्र मोदी' के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बायोपिक 'बाघिनि' का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. भारतीय जनता पार्टी ने 'बाघिनि' को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है. यह बायोपिक 3 मई को रिलीज होनी है. हालांकि, फिल्म के डायरेक्टर रूमा चक्रवर्ती का कहना है कि ये बायोपिक नहीं, बल्कि फिल्म है.

यह भी पढ़ेंः 'मोदी' पर ऐसी जानकारी जो आपने न पहले कभी पढ़ी होगी और न सुनी होगी, इसकी गारंटी है

बीजेपी ने चुनाव आयोग से बाघिनि फ़िल्म को रिव्यू करने की मांग की है. इसके बाद चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. बीजेपी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक बाघिनि को भी उसी तर्ज पर चुनाव आयोग देखे जिस तर्ज पर पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक को देखा जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः BJP को 2 से 282 सीटों तक पहुंचने में 30 साल लगे, पहले ही चुनाव में अर्श पर पहुंचा जनता दल

गौरतलब है कि बीजेपी ने एक अन्य मामले में भी चुनाव आयोग को शिकायत की है, जिसमें पार्टी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी सांसस सौगात रॉय ने दमदम (पश्चिम बंगाल) लोकसभा सीट पर बांग्लादेशी गाजी नूर से चुनाव प्रचार करवाया है. बीजेपी ने पत्र में लिखा है कि वह सबूत के लिए आयोग को रोड शो का 2 घंटे का वीडियो पेन ड्राइव में संलग्न कर रही है.

यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्‍यः पहले चुनाव में हर वोट पर खर्च हुआ था 87 पैसा, 2014 में बढ़ गया 800 गुना

बता दें पश्चिम बंगाल में 7 मई और 12 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग है. ऐसे में ममता बनर्जी पर बनी बायोपिक कुछ ही दिन पहले रिलीज हो रही है, इसे देखते हुए बीजेपी ने आपत्ति जाहिर की है.

यह भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2019 का दूसरा चरणः जानें सभी 97 सीटों का हाल, क्‍या हैं सियासी समीकरण

बता दें पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी' 5 अप्रैल को रिलीज होनी थी, लेकिन बाद में तारीख बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दी गई थी. विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी के बाद फिल्म पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद फिल्म निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटख्‍टाया. याचिका पर 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि चुनाव आयोग पीएम मोदी की बायोपिक को देखे और फिर फैसला ले कि उस पर प्रतिबंध लगना चाहिए या नहीं. कोर्ट ने कहा था कि वह अपना जवाब 22 अप्रैल तक सीलबंद लिफाफे में दे.