South India Exit Poll : चंद्रबाबू नायडू को झटका, तो जगन मोहन की बल्ले-बल्ले
सबसे पहले स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया. हालांकि जगन मोहन रेड्डी का रूझान इसके ठीक उलट है. जाहिर है किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से पीएम पद पर एकराय बनाना आसान नहीं होगा.
नई दिल्ली.:
दक्षिण के राज्य इस बार एंटी इन्कम्बेंसी से प्रभावित नजर आ रहे हैं. वह भी तब जब गैर बीजेपी सरकार को केंद्र में सत्तारूढ़ कराने के लिए सर्वाधिक प्रयास यहीं से हो रहे हैं. सबसे बड़ा झटका टीडीपी प्रमुख और आंध्रप्रदेश (AndhraPradesh) के सीएम चंद्रबाबू नायडू को लगने जा रहा है. तमिलनाडू में डीएमके उभर कर आ रही है, तो केरल में बीजेपी अपना खाता खोलने में सफल रहेगी. तेलंगाना हालांकि बह रही हवा के अपवाद स्वरूप केसीआर के अनुकूल प्रदर्शन करता नजर आ रहा है. कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (एस) को गहरा झटका लगने वाला है.
तेलंगाना
अगर बात तेलंगाना (Telangana) से शुरू की जाए तो बीजेपी औऱ कांग्रेस को गहरा सदमा यहां लगने वाला है. एक्जिट पोल के लिहाज से तो उनका खाता भी यहां खुलता नहीं दिख रहा है. टीआरएस के खाते में 15 से 17 सीटें जाती नजर आ रही हैं. अन्य के खाते में दो सीटें जा रही हैं. प्रोजेक्शन यही बता रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राय उर्फ केसीआर (KCR) का जादू बरकरार है. कांग्रेस और बीजेपी का तमाम दावों-वादों और आरोपों के बावजूद खाता खुलता नजर नहीं आ रहा है. यही नहीं, यह एक्जिट पोल यह भी बताता है कि जनता की नब्ज पकड़ने में केसीआर का कोई जोड़ नहीं है.
आंध्रप्रदेश
केंद्र में गैर बीजेपी सरकार और पीएम बनाने के लिए मिशन महागठबंधन शुरू करने वाली तेलुगू देशम पार्टी प्रमुख और सीएम चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) अपनी ही प्रतिष्ठा बचाते नजर नहीं आ रहे हैं. उन्हें 2014 के लिहाज से आधी सीटों से संतोष करना पड़ सकता है. एक्जिट पोल के मुताबिक टीडीपी को 7 से 9 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. हालांकि जगमहोन रेड्डी की वायएसआरसीपी (YSRCP) बाजी मारती नजर आ रही है. वह राज्य की 25 सीटों में से 15 तो अधिकतम 17 पर कब्जा करती नजर आ रही हैं. बीजेपी भी दो सीटों को अपने खाते में लाकर टीडीपी को मुंह चिढ़ाने का अवसर प्राप्त कर सकती है.
कर्नाटक
यह राज्य इस बार कांग्रेस (Karnatka) को झटका दे रहा है. बीजेपी अपना 2014 का प्रदर्शन कायम रखते हुए अपनी अंकसूची में इजाफा कर सकती है. बीजेपी एक्जिट पोल के लिहाज से अधिकतम 19 सीटें प्राप्त करती नजर आ रही है. वहीं, कांग्रेस अपना पिछला प्रदर्शन बरकरार रखने में सफल रहेगी. फिलहाल उसके खाते में 9 से 11 सीटें आ सकती हैं. अन्य को निराशा ही हाथ लगेगी. इस लिहाज से देखें तो कांग्रेस तमाम उठा-पटक के साथ अपनी स्थिति बरकरार तो रखेगी, लेकिन खतरा उसके सिर पर मंडरा रहा है.
तमिलनाडु
क्षेत्रीय क्षत्रपों के लिहाज से हर बार सत्ता परिवर्तन का इतिहास रखने वाला यह राज्य एक बार फिर संसदीय चुनाव में इतिहास दोहरा रहा है. डीएमके (DMK) कांग्रेस नीत गठबंधन के साथ पहले नंबर पर उभर रही है. कांग्रेस, सीपीआई और अन्य के साथ मिलकर डीएमके कम से कम 27 तो अधिकतम 29 सीटों पर कब्जा करने जा रही है. इसके उलट बीजेपी नीत एआईडीएमके गठबंधन 8 से 10 सीटें ला रहा है. गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी खेमे से इतर 2 लोग अन्य के खाते को आगे बढ़ाते नजर आ रहे हैं.
केरल
केरल में कांग्रेस अपना वर्चस्व बरकरार रखने में सफल रहेगी. कह सकते हैं कि संकेत उसके प्रदर्शन में सुधार की गति दिखा रहे हैं. यूडीएफ से गठबंधन कर कांग्रेस 11 से 13 जीत सकती है. सीपीएम नीत एलडीएफ गठबंधन 5 से 7 सीटें हासिल कर सकती है. हालांकि बीजेपी के लिए बहुत अच्छे संकेत हैं मोदी लहर के बावजूद 2014 में खाता खोलने में नाकाम रही बीजेपी केरल (Kerala) में इस लोकसभा चुनाव 2019 में केसरिया ध्वज लहराने में सफल रहेगी. एक्जिट पोल बीजेपी (BJP) को कम से कम एक तो अधिकतम 3 सीटें दे रहे हैं.
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