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'खूब लड़ी मर्दानी वो तो अमेठी वाली रानी है', स्मृति ईरानी के जोश से हुई कांग्रेस की मिट्टी पलीद

राहुल गांधी ने गुरूवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने अपनी हार को स्वीकार किया और स्मृति ईरानी को जीत की बढ़ाई दी. राहुल गांधी ने कांग्रेस की हार को अपनी जिम्मेदारी बताया.

Updated on: 24 May 2019, 12:08 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 में एक बार फिर ऐतिहासिक जीत के साथ ही मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. इसी के साथ बीजेपी और उनके सहयोगी दल मिलकर एक बार फिर देश में अपनी सरकार बनाएंगे. इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं को ऐसे दिन दिखा दिए, जिसकी पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष और देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक राहुल गांधी चुनाव हार गए. अमेठी सीट पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी 55120 वोटों के अंतर से हरा दिया.

23 की सुबह जब अमेठी सीट पर वोटों की गिनती शुरू हुई तो राहुल गांधी आगे चल रहे थे लेकिन थोड़ी ही देर बाद स्मृति ईरानी ने बढ़त बना ली. दोनों नेताओं के बीच वोटों की ऊंच-नीच लगातार चलती रही. फिर एक समय ऐसा भी आया जब स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर पक्की बढ़त बना ली. वोटों की गिनती जारी थी, तो ऐसा लगा कि राहुल गांधी दोबारा आगे बढ़ सकते हैं. हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और स्मृति ईरानी की बढ़त बड़ी होती चली गई और अंत में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने अमेठी लोकसभा सीट पर अपनी ऐतिहासिक जीत दर्ज कर डाली.

राहुल गांधी ने गुरूवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने अपनी हार को स्वीकार किया और स्मृति ईरानी को जीत की बढ़ाई दी. राहुल गांधी ने कांग्रेस की हार को अपनी जिम्मेदारी बताया. बता दें कि यूपी की अमेठी सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव लड़े गए थे, जिसके बाद से वहां केवल दो ही बार अन्य पार्टी ने चुनाव जीता था और तीसरी बार अब स्मृति ईरानी ने चुनाव जीता है. स्मृति ईरानी के जोश और पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वास ने कांग्रेस के बने-बनाए किले को ढहा दिया. इस सीट को हारने के बाद जहां एक ओर राहुल गांधी की मिट्टी पलीद हो गई तो वहीं स्मृति ईरानी अब 'अमेठी वाली रानी' बन गई हैं.