लोकसभा चुनाव 2019 विश्लेषण: जानें झारखंड में 2014 के चुनाव की स्थिति से अब तक कितने बदले समीकरण
बीजेपी ने 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर सभी विपक्षी दलों को करारी शिकस्त दी थी.
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल फूंक दिया है. इस बार के लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होगा और मतों की गिनती 23 मई को होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के मुताबिक 91 सीटों के लिए (20 राज्यों में) मतदान 11 अप्रैल को, 97 सीटों के लिए (13 राज्य) मतदान 18 अप्रैल को, 115 (14) के लिए 23 अप्रैल को, 51 (सात) के लिए छह मई को, 59 (सात) के लिए मतदान 12 मई को और 59 सीटों (आठ राज्य) के लिए मतदान 19 मई को होगा.
इस चुनाव में मतदाताओं की संख्या लगभग 90 करोड़ होगी, जो 2014 के 81.45 करोड़ से अधिक है. इसमें से कोई 1.50 करोड़ पहली बार मतदाता बने हैं, जिनकी उम्र 18-19 साल है. हम भी चुनावों के लिए कमर कस चुके है और एक सीरीज के साथ आ रहे हैं. हम हर राज्य में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव का विश्लेषण करेंगे और जानेंगे आखिर क्या हुआ था 2014 लोकसभा चुनाव में? क्या इस बार भी इतिहास खुद को दोहराएगा या फिर परिणाम कुछ और सामने आएगा.
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इस बार हम झारखंड के राजनीति परिदृश्य पर नजर डालेंगे. बीजेपी ने 2014 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर सभी विपक्षी दलों को करारी शिकस्त दी थी. रघुबर दास के नेतृत्व में एनडीए ने राज्य में पहली बहुमत की सरकार बनाई (बीजेपी-37 और आजसू-5). बाद में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाले झारखंड विकास मोर्चा (JVM) को अपने लोगों के बगावत का सामना करना पड़ा और उसके 6 विधायक सत्तारुढ़ बीजेपी में शामिल हो गए. जिसने इसे 81 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत दिया.
मरांड़ी राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे और उन्होंने अपनी मूल पार्टी बीजेपी को छोड़ कर बाद में अपना संगठन बनाया. बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में एक कड़ा चुनौती मिल सकता है. क्योंकि कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा (JVM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने राज्य में 'महागठबंधन' की स्थापना की है. आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें.
2014 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में क्या हुआ था?
झारखंड में 14 लोकसभा वाली सीटों में से साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 12 सीटें जीतीं थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए केवल 2 सीटें (दुमका और राजमहल) छोड़ी. वहीं कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन किया था लेकिन वो अपना खाता खोलने में भी असफल रही. झारखंड में 2014 का चुनाव 10, 17 और 24 अप्रैल को तीन चरणों में आयोजित किया गया था.
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बीजेपी को 52.77,439 वोट मिले, जिसमें 40.7 फीसदी वोट मिले और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने 9.4 फीसदी वोट शेयर के साथ 12,05,031 वोट हासिल किए थे. कांग्रेस को 13.5 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 17,24,740 वोट मिले. झारखंड विकास मोर्चा (JVM), ऑल झारखंड स्टुडेंट यूनियन (AJSU) और राष्ट्रीय जनता दल ( RJD) को क्रमश 15,67,655 (12.2%), 4,81,667 (3.80%) और 2,12,571 (1.7%) वोट मिले.
हमारे विश्लेषण के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने बलबूते पर 56 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा (JVM) ने क्रमशः 9, 3 और 4 सीटों पर आगे थी. AJSU एक ही सीट पर आगे चल रहा था. साल 2009 में, बीजेपी 8 पर सफल रही और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य में 2 सीटें जीतीं. JVM और कांग्रेस 1 सीट पर सफल रहे.
2014 लोकसभा चुनाव के कुछ प्रमुख विजेता जयंत सिन्हा (बीजेपी-हजारीबाग), राम टहल चौधरी (भाजपा-रांची), रवींद्र कुमार पांडे (BJP-गिरिडीह), शिबू सोरेन (JMM-दुमका), विजय कुमार हंसदक (JMM-राजमहल) थे. पशुपति नाथ सिंह (BJP-धनबाद), करिया मुंडा (BJP-खुंटी), सुदर्शन भगत (BJP-लोहरदगा), निशिकांत दुबे (BJP-गोड्डा) और बिद्या बारन महतो (BJP-जमशेदपुर).
हेमलाल मुर्मू (BJP), बाबूलाल मरांडी (JVM), सुनील सोरेन (BJP), फुरकान अंसारी (कांग्रेस), नागमणि (AJSU), सुदेश महतो (AJSU), सुबोधकांत सहाय (कांग्रेस), बंधु तिर्की (AITC), अजय कुमार (JVM), चित्रसेन सिंकु (कांग्रेस), गीता कोड़ा (JBSP), अनोष एक्का (JKP), चमरा लिंडा (AITC), रामेश्वर उरांव (कांग्रेस), कामेश्वर बैठा (AITC) और भुवनेश्वर प्रसाद मेहता (CPI) चुनाव हार गए थे.
2014 में झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम क्या था?
2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और 81 सदस्यीय विधानसभा में 37 सीटें जीतीं. हालांकि, AJSU की 5 सीटों के साथ, पार्टी ने विधानसभा में 41 के बहुमत के निशान को पार कर लिया. यह पहली बार था कि राज्य में किसी भी दल या चुनाव पूर्व गठबंधन को बहुमत मिला. बीजेपी ने राज्य की 72 सीटों पर चुनाव लड़ा और आजसू (AJSU) के लिए 8 सीटें छोड़ीं. भगवा पार्टी को 31.2 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 43,34,728 वोट मिले और उसके सहयोगी, AJSU को 3.7 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 5,10,277 वोट मिलें.
दूसरी ओर, कांग्रेस ने 10.5 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 14,50,640 वोट प्राप्त किए और केवल 6 सीटें जीतीं. आरजेडी कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी और 19 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. हालांकि, पार्टी ने 3.1 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ एक रिक्त स्थान प्राप्त किया. JMM और JVM को राज्य में क्रमशः 28,32,921 (20.4%) और 13,85,080 (10%) वोट मिलें. JMM ने 19 सीटें जीतीं, जबकि JMM को सिर्फ 8 सीटें मिली. क्योंकि बाद में JVM के 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे.
2009 के विधानसभा चुनावों में, बीजेपी और JMM दोनों ने राज्य में 18 सीटें जीतीं. क्रमशः 14 और 11 सीटों पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस और JVM एक सबसे बड़े ब्लॉक के रूप में उभरे. आरजेडी और AJSU प्रत्येक 5 विधानसभा सीटों पर सफल रहे.
जानें क्या कहता है न्यूज़ नेशन ओपिनियन पोल?
वहीं बता दें कि न्यूज नेशन के ओपिनियन पोल के मुताबिक, झारखंड के जो आंकड़े सामने आए हैं वो भी बिहार की तरह महागठबंधन को झटका देने वाली है, जबकि एनडीए(NDA) के लिए खुशी. 14 लोकसभा सीट में बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए के खाते में न्यूनतम 9 और अधिकतम 11 सीट आ सकती है. वहीं कांग्रेस-आरजेडी-जेएमएम-जेवीएम और सीपीआई गठबंधन को न्यूनतम 3 और अधिकतम 5 सीट मिल सकती है, जबकि अन्य के खाते में कुछ भी जाता नहीं दिखाई दे रहा है.
वोट शेयरिंग की बात करें तो एनडीए को 42 प्रतिशत लोगों का साथ मिलता दिखाई दे रहा है. वहीं महागठबंधन को 34 प्रतिशत जबकि अन्य के खाते में 13 प्रतिशत वोट जा सकते हैं. हालांकि 11 प्रतिशत लोगों ने अभी तक अपनी राय नहीं बनाई हैं कि उन्हें किसे वोट देना है.
झारखंड के लोगों के लिए पीएम कैंडिडेट के रूप में नरेंद्र मोदी पहली पसंद हैं. 46 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट के तौर पर पसंद किया है. वहीं 28 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी को अपनी पसंद बनाया है. जबकि 13 प्रतिशत लोग अन्य चेहरे पर भरोसा जताया है. वहीं 13 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय नहीं रखी.
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