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पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात में लांच की श्रम योगी मानधन योजना, 13 करोड़ से अधिक की राशि पेंशन खातों में ट्रांसफर

पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ कर 11,51,000 लाभार्थियों तक 13,58,31,918 रुपये की धनराशि सीधे पेंशन खातों में ट्रांसफर की.

Updated on: 05 Mar 2019, 03:37 PM

नई दिल्ली:

दो दिन के गुजरात दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत की. इस योजना के माध्‍यम से 11,51,000 लाभार्थियों के पेंशन खाते में 13,58,31,918 रुपये की धनराशि सीधे ट्रांसफर की गई. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज हम सभी एक ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं. आज के इस कार्यक्रम का होस्ट गुजरात है, लेकिन इस कार्यक्रम में इस समय पूरे देश से करीब दो करोड़ लोग तकनीक के माध्यम से शामिल हुए हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, देश के लगभग 42 करोड़ श्रमिकों, कामगारों की सेवा में समर्पित है. आज प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना यानी PMSYM आप सभी के लिए समर्पित की जा रही है. मुझे सत्ता की कुर्सी की परवाह नहीं है, मुझे चिंता मेरे देश की है, मेरे देश के लोगों की सुरक्षा की है. घर में घुसकर मारेंगे. 40 साल से आतंकवाद निर्दोषों को मारे जा रहा है. मैं इंतजार अब लम्बा नहीं कर सकता. चुन-चुन के हिसाब लेना मेरी फितरत है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देशभर के सभी कामगार साथी जो घरों में सेवक के रूप में काम कर रहे हैं, कबाड़ से आजीविका कमाते हैं, खेती मजदूरी कर रहे हैं, सड़कों-घरों के निर्माण में जुटे हैं, रेहड़ी-ठेले चलाते हैं, बुनकर हैं, ऐसे कामों से जुड़े सभी कामगार साथियों को बहुत बधाई.
मुझे ऐहसास है कि देश के करोड़ों गरीबों के मन में ये सवाल रहता था कि जब तक हाथ-पैर चलते हैं, तब तक तो काम भी मिल पाएगा, थोड़ा बहुत पैसा भी मिलेगा, लेकिन जब शरीर कमजोर हो जाएगा तब क्या होगा? उम्र के उस पड़ाव में जब आय का कोई साधन न हो तो वो समय बहुत पीड़ादायक होता है. यही पीड़ा मेरे मन मस्तिष्क में थी. उसी पीड़ा में से इस योजना ने जन्म लिया है प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना.

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पीएम ने कहा, गरीबों के नाम पर वोट बटोरने वालों ने 55 साल तक देश में राज किया, लेकिन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कोई योजना नहीं बनाई. इनके लिए गरीबी सिर्फ फोटो खिंचवाने का खेल होता है, जिसे कभी भूखे पेट सोने का दर्द नहीं पता उसके लिए गरीबी एक मानसिक अवस्था होती है. हमारे लिए तो गरीबी एक बहुत बड़ी चुनौती है. गरीबी से झूझने के लिए पूरा परिवार खप जाता है. कोई भी गरीब, वो चाहे अनपढ़ ही क्यों न हो, वो भी इस योजना से आसानी से जुड़ सकता है.

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प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसे श्रमिक जिनकी उम्र 18-40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, वो सभी इस योजना से जुड़ सकते हैं. इस योजना का हिस्सा बनने के लिए श्रमिक साथियों को नजदीकी कॉमन सेंटर में जाकर फॉर्म भरना होगा. आपका काम सर्विस सेंटरों पर कुछ ही मिनटों में हो जाएगा. यही तो डिजिटल इंडिया का कमाल है. 2014 से पहले देश में जहां लगभग 80 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थे, वहीं अब हमारी सरकार में इनकी संख्या बढ़कर के 3,00,000 से ज्यादा हो गई है.

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पीएम ने कहा, अब यही सर्विस सेंटर प्रधानमंत्री मानधन योजना से जुड़ने वाले कामदार साथियों की सहायता करेंगे. मैं देश के उन तमाम परिवारों से आग्रह करूंगा कि अपने घर पर काम करने वाले लोगों को पीएम श्रम योगी मानधन योजना से जुड़ने में मदद कीजिए.