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लोकसभा चुनावी मैदान में उतरेंगे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, पूर्व सहयोगी बांभणिया ने किया कई खुलासा

खबर ये भी आ रही है कि हार्दिक पोरबांदर या अमरेली सीट से चुनाव लड़ सकते है. इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि वह जिग्‍नेश मेवाणी की तरह ही कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.

Updated on: 06 Feb 2019, 05:20 PM

नई दिल्ली:

गुजरात के पाटीदार समाज के लिए आरक्षण की आवाज उठाने वाले हार्दिक पटेल लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. जिसके बाद उनके पूर्व करीबी सहयोगी दिनेश बांभणिया ने दावा किया कि हार्दिक दरअसल गुजरात में विधानसभा उपचुनाव लड़ना चाहते हैं और उनके ही इशारे पर बिना किसी कारण के पाटीदारों का गढ़ कहे जाने वाले ऊंझा की कांग्रेस विधायक आशाबेन पटेल ने हाल में इस्तीफा दिया है.

खबर ये भी आ रही है कि हार्दिक पोरबांदर या अमरेली सीट से चुनाव लड़ सकते है. इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि वह जिग्‍नेश मेवाणी की तरह ही कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. बता दें कि मेवाणी ने वर्ष 2017 में हुआ विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में लड़ा था.

2015 में हार्दिक के गुमशुदगी के दौरान आधी रात को कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले और राजद्रोह ममले के सह आरोपी दिनेश बांभणिया के मुताबिक पिछले विधानसभा चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस के टिकट के लिए एक सूची सौंपी थी, उसमें आशाबेन का भी नाम था.

बांभणिया के मुताबिक तो हार्दिक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वह राहुल गांधी को पसंद करते हैं. हार्दिक ने आंदोलन के दौरान सहयोगियों से कहा था कि चुनाव की उम्र पूरी हो जाने पर वह टंकारा या ऊंझा से चुनाव लड़ेंगे. ऊंझा की सीट हार्दिक के इशारे पर ही खाली कराई गई है.

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गौरतलब है कि 15 अगस्त 2015 में अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन हार्दिक पटेल ने किया था. जिसमें पाटीदारों को ओबीसी आरक्षण दिलाने की मांग की थी. इस आयोजन के दौरान वहां पर पुलिस ने लाठीचार्ज की थी.इस आंदोलन ने हार्दिक पटेल को राष्ट्रीय स्तर पर युवा पाटीदार के चेहरे के रूप में स्थापित कर दिया.

हार्दिक पटेल पर राजद्रोह, तिरंगे का अपमान, महेसाणा जिले में लोगों को भड़काने समेत कई मामले दर्ज हैं. इतना ही नहीं राजद्रोह के मामले में उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था. इसके साथ ही कुछ वक्त उन्हें गुजरात छोड़कर उदयपुर रहना पड़ा.