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NN Opinion poll: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का लहराएगा परचम, BJP की बढ़ेगी सीट

लोकसभा चुनाव-2019 (Loksabha Election-2019) में महज कुछ दिन बच गए हैं. बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां चुनावी कमर कस के मुकाबला करने के लिए तैयार हो गए हैं.

Updated on: 08 Feb 2019, 11:50 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव-2019 (Loksabha Election-2019) में महज कुछ दिन बच गए हैं. बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां चुनावी कमर कस के मुकाबला करने के लिए तैयार हो गए हैं. जगह-जगह रैलियों की गूंज सुनाई दे रही है. इस बार जनता किसकी सरकार बनाएगी इसी सवाल का जवाब तलाशन के लिए आपके पसंदीदा समाचार चैनल (News Nation) न्यूज़ नेशन (NN Opinion poll) के ओपिनियन पोल का कारवां जम्मू-कश्मीर से होते हुए हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड के बाद अब पहुंचा है ममता के गढ़ में यानी पश्चिम बंगाल में. आइए जानते हैं कि यहां इस बार जनता का मूड किसके पक्ष में दिखाई दे रहा हैं.

किसी पार्टी को कितनी सीट और वोट

पश्चिम बंगाल में हुए ओपिनियन पोल के जो सामने आए हैं उसमें तृणमूल कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो जरूर उभर रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 के मुकाबले इस बार उन्हें सीटों का नुकसान होता दिखाई दे रहा है. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी 2014 में 34 सीट जीती थी लेकिन इस बार उसके खाते में 29 से 33 सीट जाती नजर आ रही है. यानी 5 या 1 सीट का नुकसान.

वहीं बीजेपी की बात करे जो ममता के गढ़ में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. यहां बीजेपी को 2014 के मुकाबले इस बार फायदा होता हुआ दिखाई दे रहा है. 2014 में 2 सीट बीजेपी के खाते में गई थी, जो अब इस बार 5 या फिर 9 सीट में तब्दील हो सकती है.जबकि कांग्रेस को 1 या फिर 3 सीट मिल सकती है. वहीं लेफ्ट फ्रंट को 1 या फिर 3 सीट मिल सकती है.

वोट शेयरिंग की बात करें तो बीजेपी को 23 प्रतिशत वोट मिल सकती है, जबकि टीएमसी को 36 प्रतिशत वोट शेयर मिल सकती है. मतलब अभी भी पश्चिम बंगाल की जनता को ममता दीदी पर विश्वास है. जबकि कांग्रेस को 7 प्रतिशत वोट शेयरिंग मिल सकती है. लेफ्ट फ्रंट को भले ही उतनी सीट नहीं मिल पा रही है, लेकिन 26 प्रतिशत जनता अभी भी उनके साथ खड़े नजर आ सकते हैं. जबकि 3 प्रतिशत जनता दूसरी पार्टी पर भरोसा जता सकते हैं. वहीं 5 प्रतिशत जनता इस बाबत अभी कुछ भी नहीं कहने के मूड में दिखाई दे रहे हैं.

सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण के फैसले का बीजेपी को मिलेगा फायदा

पश्चिम बंगाल की जनता से जब हमने पूछा कि सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का जो फैसला किया है इसका चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलेगा तो ओपिनियन पोले के आंकड़ों के मुताबिक करीब 36 प्रतिशत जनता का मानना था कि फायदा मिलेगा. वहीं 49 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसका कोई फायदा बीजेपी को नहीं होने जा रही है. वहीं 15 प्रतिशत जनता इस बाबत कोई राय नहीं बना पाए.

क्या राफेल मुद्दे पर राहुल के आरोपों में है दम

देश में राफेल फाइटर जेट पर कथित घोटाले का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी के आरोपों पर जब न्यूज नेशन के ओपिनियन पोल में सवाल पूछ गया तो करीब 43 प्रतिशत जनता ने माना है कि आरोपों में दम है. वहीं 40 प्रतिशत आरोप को बेसलेस बता रहे हैं. जबकि 17 फीसदी लोग इस पर कोई भी राय व्यक्त नहीं कर पाए.

पश्चिम बंगाल में पीएम पद की पहली पसंद कौन ?

हिंदी क्षेत्र के तीन बड़े राज्यों में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. इस बात की तस्दीक हमारे ओपिनियन पोल के भी आंकड़े कर रहे हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल में इस बात से लोग इत्तेफाक नहीं रखते दिखाई दे रहे हैं. भले ही लोकसभा चुनाव में टीएमसी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगी लेकिन वहां के लोग पीएम के लिए नरेंद्र मोदी को ज्यादा पसंद करते नजर आ रहे हैं. 31 प्रतिशत लोगों की नरेंद्र मोदी पहली पसंद हैं. जबिक 17 प्रतिशत लोग राहुल गांधी को पीएम कैंडिडेट के तौर पर देखना चाहते हैं, जबकि यहां के 29 प्रतिशत जनता इन दोनों चेहरों के अलावा तीसरे चेहरे को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहती है.जबकि 23 प्रतिशत जनता ने कुछ नहीं कहा.

पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बिजली पानी और रोड

जब न्यूज नेशल के ओपिनियन पोल में पश्चिम बंगाल की जनता से सवाल पूछ गया कि इस लोकसभा चुनाव में उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा तो बाकी प्रदेशों की तरह इसके जवाब में अंतर था. बाकि प्रदेशों में लोग महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बता रहे थे, जबकि यहां के लोगों का कहना कुछ और है. सड़क-पानी और बिजली को 19 प्रतिशत लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा बताया है. वहीं, बेरोजगारी को 17 प्रतिशत लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा बताया है. महंगाई को 12 प्रतिशत लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा माना है. 11 प्रतिशत लोग नक्सलवाद और कानून व्यवस्था को मुद्दा माना है. जबकि 9 प्रतिशत लोग भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के लोग बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं ?

पश्चिम बंगाल में चुकी बीजेपी की सरकार है, लेकिन जब लोगों से एनडीए सरकार के कामकाज के बारे में पूछा गया तो 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वो मोदी सरकार के कामकाज से खुश है. जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो वर्तमान सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं. जबकि 12 प्रतिशत लोग इस पर अपनी कोई राय नहीं बना पाए.

क्या आप पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं ?

पश्चिम बंगाल में ममता के नेतृत्व में टीएमसी की सरकार को काफी वक्त हो चुका है. राज्य के 40 प्रतिशत लोग ममता बनर्जी की सरकार के कामकाज से खुश नजर आए. जबकि 41 फीसदी लोग ममता बनर्जी के कामकाज से खुश नजर नहीं आए. वहीं 19 प्रतिशत जनता इस मामले में अपनी कोई भी राय नहीं बना पाई.

पश्चिम बंगाल की समस्या को बेहतर ढंग से कौन से पार्टी उठा सकती है ?

ओपिनियन पोल के तहत जब हमने राज्य की जनता से पूछा कि आपके मुद्दे को कौन सी पार्टी बेहतर ढंग से उठा सकती है तो इसके जवाब में ज्यादातर लोगों का जवाब टीएमसी के पक्ष में था. आंकड़ों के मुताबिक राज्य की 36 फीसदी जनता ने माना की टीएमसी मुद्दों को बेहतर ढंग से उठा सकती है जबकि 21 फीसदी लोगों ने माना कि उनकी समस्या को बीजेपी ज्यादा बेहतर ढंग से उठा सकती है. राज्य के 27 फीसदी लोगों ने इस मामले में लेफ्ट का समर्थन किया.

मोदी सरकार का ध्यान विकास पर है या राजनीति पर ?

ओपिनियन पोल में जब हमने राज्य की जनता से पूछा कि आपको क्या लगता है कि मोदी सरकार का ध्यान विकास पर है या राजनीति पर तो 34 प्रतिशत जनता का मानना था कि विकास पर सरकार का ध्यान है. जबकि 50 प्रतिशत लोगों ने मानना कि मोदी सरकार विकास की बजाय राजनीति पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है. वहीं 16 प्रतिशत लोगों ने इल मुद्दे पर कोई राय नहीं बना पाए.

क्या मोदी सरकार पाकिस्तान को दे रही है करारा जवाब

जब हमने ओपिनियन पोल में पश्चिम बंगाल की जनता से पूछा कि क्या दुश्मन देश पाकिस्तान को मोदी सरकार करारा जवाब दे ही है तो राज्य की 41 फीसदी जनता इस पर संतुष्ट नजर आई. वहीं राज्य की करीब 46 फीसदी लोगों ने ओपिनियन पोल में माना कि सरकार मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पा रही है. वहीं करीब 13 फीसदी जनता इस सवाल पर अपना कोई भी राय नहीं बना पाई.