logo-image

बीजेपी का राजीव गांधी रूपी काउंटर अटैक नहीं झेल सकी कांग्रेस

राजीव गांधी और सिख दंगों के जिक्र ने दिल्ली और पंजाब में अपना रंग भी दिखाया और कांग्रेस को राजनीतिक तौर पर काफी नुकसान उठाना पड़ा.

Updated on: 24 May 2019, 09:15 PM

highlights

  • दो चरणों के मतदान से पहले राजीव गांधी और सिख दंगों का जिक्र कांग्रेस पर पड़ा भारी.
  • बीजेपी ने राजीव गांधी का वह भाषण शेयर कर रही सही कसर पूरी कर दी.
  • देश भर में सिख दंगों की याद ताजा हो गई, जिसका असर मतदान पर पड़ा.

नई दिल्ली.:

यूं भी कहते हैं राजनीति औऱ जंग में सब जायज है. संभवतः इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी को लेकर सिख दंगों का जिक्र किया, तो समूची कांग्रेस सदमे में आ गई. सैम पित्रोदा के बयान 'हुआ तो हुआ' ने तो मानो सिख दंगों के जिन्न को कांग्रेस के पीछे ही छोड़ दिया. राजीव गांधी और सिख दंगों के जिक्र ने दिल्ली और पंजाब में अपना रंग भी दिखाया और कांग्रेस को राजनीतिक तौर पर काफी नुकसान उठाना पड़ा. कह सकते हैं कि ये गुजरात दंगों के आरोपों पर बीजेपी का काउंटर अटैक रहा.

पंजाब में कैप्टन झेल गए हमले
हालांकि दिल्ली में बीजेपी की जीत सातों सीट पर तय मानी जा रही थी. फिर भी कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित पर खेले गए दांव ने एक-दो सीट पर भ्रम पैदा कर दिया था. यह अलग बात है कि राजीव गांधी के तीन बार के जिक्र ने कांग्रेस के लिए संभावनाओं के द्वार बंद करने का काम किया. पंजाब में जो जीत कांग्रेस को मिली है, वह वास्तव में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की निजी जीत और प्रयासों की बदौलत है. फिर भी राजीव गांधी और सिख दंगों के जिक्र ने देश भर में उन जख्मों को हरा कर दिया. इसका फायदा शेष देश में बीजेपी को बाद के दो चरणों के मतदान में मिला भी.

यह भी पढ़ेंः मोदी की विराट जीत से कांग्रेस को लोकसभा में हुआ यह भी नुकसान

सैम पित्रोदा ने दिया था घटिया बयान
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से कुछ घंटों पहले 84 के सिख दंगों का जिन्न कांग्रेस के पीछे हाथ धोकर पड़ गया है. स्थिति यहां तक आन पड़ी की कांग्रेस विदेश सेल के सर्वेसर्वा सैम पित्रौदा के बयान से पार्टी को किनारा करना पड़ा. इसके बाद सैम पित्रौदा को सफाई देकर माफी मांगनी पड़ी. इसके बावजूद मामला ठंडा पड़ता नहीं प्रतीत हो रहा है. बीजेपी ने पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राजीव गांधी का वह भाषण शेयर किया गया है जिसमें वह कहते पाए गए हैं, 'जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है.'

बीजेपी ने तीसरी बार राजीव गांधी पर हमला बोला
गौरतलब है कि राजीव गांधी का यह बयान 84 के सिख दंगों से जोड़ कर देखा जाता है. देश भर में सिख दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे. दिल्ली में दंगों को भड़काने के पीछे जगदीश टाइटलर से लेकर सज्जन कुमार, कमलनाथ और एचकेएल भगत तक के नाम आए. इन नेताओं का जिक्र बीजेपी की ओर से जारी वीडियो में भी किया गया है. यह तीसरा मौका है जब बीजेपी ने चुनाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को घसीटा है.

यह भी पढ़ेंः राहुल गांधी ने ली हार की जिम्मेदारी, पार्टी अध्‍यक्ष पद छोड़ने की कर सकते हैं पेशकश

वीडियो बना कांग्रेस के गले की फांस
गौरतलब है कि बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में कहा था कि राजीव गांधी की मौत 'भ्रष्टाचारी नंबर-1' के रूप में हुई है. उनके इस बयान की राहुल और प्रियंका गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने निंदा की थी. इसके बाद पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में पीएम मोदी ने फिर राजीव गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नेवी के युद्धपोत में आईएनएस विराट का इस्तेमाल पर्सनल टैक्सी के तौर पर किया गया. अब इस वीडियो के जरिये यह तीसरा हमला है.

बोट क्लब की रैली से भी बढ़ी राजीव के प्रति नाराजगी
राजनीतिक गलियारे में 84 के सिख दंगों के बाद बोट क्लब पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की रैली भी दर्ज है. उस दिन राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की जयंती पर बोट क्लब पर अपना पहला भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने सिख दंगों पर एक शब्द भी नहीं बोला. इसके बाद सिख समुदाय में राजीव गांधी के प्रति नाराजगी बढ़ती गई. माना गया कि राजीव की दंगाइयों के प्रति हमदर्दी थी और उन्होंने सिखों के कत्लेआम को गंभीरता से नहीं लिया.