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बिहार: नीतीश से मिलने के बाद अमित शाह का ऐलान, जेडीयू से नहीं टूटेगा गठबंधन और 40 सीटों पर मिलकर लड़ेंगे चुनाव

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पटना में मुलाकात हुई।

Updated on: 12 Jul 2018, 04:13 PM

नई दिल्ली:

पटना में जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार से नाश्ते पर मुलाकात के बाद अमित शाह ने साफ कर दिया कि जेडीयू का एनडीए से गठबंधन नहीं टूटेगा।

ज्ञान भवन में बीजेपी कार्यकर्तओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने ऐलान किया कि बीजेपी का जेडीयू से गठबंधन नहीं टूटेगा और एनडीए बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने कांग्रेस समेत राज्य में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि महागठबंधन बन जाए या कोई और गठबंधन में बीजेपी का विजय रथ रुकने वाला नहीं है। 2019 में फिर नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।

शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार से ही कांग्रेस मुक्त भारत मुहिम की शुरुआत हुई थी और यह आगे भी जारी रहेगी।

इससे पहले अमित शाह और नीतीश कुमार ने साथ में सुबह का नाश्ता किया। इस दौरान करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं ने सियासी चर्चा की। अपने दो दिवसीय बिहार दौरे पर गुरुवार को पटना पहुंचे अमित शाह ने नीतीश कुमार से यहां राजकीय अतिथिशाला में मुलाकात की।

दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक बातचीत की। मुलाकात के बाद बाहर निकले दोनों नेताओं ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की परंतु उनके चेहरे पर मुस्कान थी।

दोनों नेता एक बार फिर रात के भोजन पर मुख्यमंत्री आवास में मिलेंगे और अगले दौर की बातचीत करेंगे।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता क़े सी़ त्यागी ने कहा कि गठबंधन के दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई है, लेकिन अभी यह पहले ही दौर की बातचीत है। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर सारी बातें तय हो जाएंगी, इस पर संशय है।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। इस मुलाकात के बाद अमित शाह पटना के ज्ञानभवन पहुंचे जहां वह पार्टी की बैठक में भाग ले रहे हैं। ज्ञानभवन पहुंचने पर शाह का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।

साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अमित शाह की यह पहली बिहार यात्रा है। उस समय जेडीयू बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी लेकिन अब बीजेपी के साथ सरकार में है।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी और उसे मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था जबकि बीजेपी को बिहार की 40 में से 22 सीटें मिली थीं।

वहीं, सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को क्रमश: छह और तीन सीटें मिली थीं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आरएलएसपी ने भी अधिक सीट पर दावेदारी कर रखी है।

इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि सीट बंटवारा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल सभी दलों के जब दिल मिल गए हैं, तो सीट भी समय आने पर बंट जाएगा।

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इधर, विपक्ष भी शाह के दौरे पर पैनी नजर बनाए हुए है। गौरतलब है कि आरजेडी-आरएलएसपी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को कई मौके पर महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दे चुका है।

एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर संभावित झगड़े को लेकर राजद, कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं। आरजेडी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भविष्यवाणी भी कर दी है कि एलजेपी और आरएलएसपी दोनों महागठबंधन में शामिल होने वाले हैं। बातचीत हो चुकी है।

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