सियासी मजबूरी या कुछ और...राजे -गहलोत एक फ्लाइट में यात्रा की, लेकिन नहीं हुई हाय-हैलो
इसे राजनीतिक शत्रुता कहें या राजनीतिक मजबूरी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को एक ही उड़ान में यात्रा की, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे से बातचीत नहीं की.
नई दिल्ली:
इसे राजनीतिक शत्रुता कहें या राजनीतिक मजबूरी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को एक ही उड़ान में यात्रा की, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे से बातचीत नहीं की. दोनों दोपहर में दिल्ली से एक ही उड़ान पर सवार हुए थे, और वे जयपुर उतरे. गहलोत ने जयपुर हवाईअड्डे पर मीडिया से बातचीत में कहा, 'राजे बिजनेस क्लास में थीं, और मैं इकॉनॉमी क्लास में. मुझे नहीं पता कि वह आगे बैठी हुई हैं. यदि मुझे पता होता, तो जाकर उनसे बातचीत किया होता.'
गहलोत ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बारे में अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई शिकायतें हैं.
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गहलोत ने सवाल किया, 'उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ईवीएम की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए. मैं मानता हूं कि अदालत ने भी स्वीकार किया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किया जा सकता है. इसीलिए उन्होंने वीवीपैट की व्यवस्था की है. यदि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है, फिर उससे चुनाव क्यों कराया जाना चाहिए? अमेरिका और इंग्लैंड में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता। हम भी ऐसा क्यों नहीं करते?'
इस बीच, राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रयासों के कारण भाजपा सभी राज्यों में जोरदार प्रदर्शन करेगी.
राजे और गहलोत दोनों हवाईअड्डे से अलग-अलग गेट से बाहर निकले.
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