मजबूत गठबंधन के बाद भी महागठबंधन को सता रहा है एक डर
मायावती ने कहा, 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान गठबंधन बीजेपी को रोकने में कामयाब रहेगा.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को हराने के लिए बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गठबंधन तो कर लिया है, लेकिन ईवीएम का डर उन्हें अब भी सता रहा है. गठबंधन की घोषणा करते वक्त मायावती ने ऐतिहासिक जीत का दावा तो किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा- ईवीएम को लेकर बीजेपी ने ईमानदारी बरती तो हमारा गठबंधन बीजेपी को सत्ता में आने से रोक देगा.
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मायावती ने कहा, 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान गठबंधन बीजेपी को रोकने में कामयाब रहेगा, बशर्ते पूर्व की तरह वोटिंग मशीन में गड़बड़ी नहीं की गई और राम मंदिर के मामले में जनभावनाओं को भड़काया नहीं गया. इससे पहले मायावती ने कहा कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बेईमानी से सत्ता हासिल की थी. हमारा गठबंधन इस जनविरोधी सरकार को सत्ता में आने से रोकेगा. बीजेपी की अहंकारी सरकार से लोग परेशान हैं. जैसे हमने मिलकर उपचुनावों में बीजेपी को हराया है, उसी तरह हम आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराएंगे.
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38-38 सीटों पर लड़ेंगी दोनों पार्टियां
2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा दोनों 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस इस गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी, लेकिन उनकी दो अहम सीटों रायबरेली और अमेठी पर गठबंधन की ओर से प्रत्याशी नहीं उतारा जाएगा. बाकी बची दो सीट सहयोगी दलों के लिए रिजर्व रखी गई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 71, उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने 2 और सपा ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2018 में हुए उपचुनाव में बीजेपी तीन सीट (गोरखपुर, कैराना और फूलपुर) हार गई थी. इन तीनों में से दो पर सपा और एक पर आरएलडी जीती थी.
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