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टिकटॉक (Tik Tok) का बयान, मद्रास हाईकोर्ट ने पक्ष सुने बिना लगा दी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में 24 अप्रैल को आगे की सुनवाई है. वहां अपना पक्ष रखें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर उस दिन हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया तो रोक हटी हुई मानी जाएगी.

Updated on: 22 Apr 2019, 11:45 AM

नई दिल्ली:

ऐप बनाने वाली कंपनी टिकटॉक (Tik Tok) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मद्रास हाईकोर्ट ने बिना हमारा पक्ष सुने रोक लगा दी. कंपनी ने कहा है कि हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में 24 अप्रैल को आगे की सुनवाई है. वहां अपना पक्ष रखें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर उस दिन हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया तो रोक हटी हुई मानी जाएगी.

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गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को केंद्र से टिकटॉक पर बैन लगाने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि टिकटॉक ऐप पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है और बच्चों को यौन हिंसक बना रहा है. टिकटॉक के खिलाफ एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश दिया था. आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, केंद्र ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद Apple और Google को एक पत्र भेजकर हाई कोर्ट के निर्देशों से अवगत कराया था.

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गौरतलब है कि टिकटॉक (Tik Tok) पर मद्रास हाई (Madras Hingh Court) कोर्ट की रोक के बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया है. ऐप बनाने वाली कंपनी टिकटॉक (Tik Tok) ने मद्रास हाईकोर्ट से रोक को हटाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर गौर करने की बात कही थी.

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