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रियलमी (Realme) ने मोबाइल फोन की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया, जीएसटी बढ़ने की वजह से उठाया कदम

सरकार द्वारा मोबाइल फोन पर GST की दर बढ़ाकर 18 फीसदी करने और रुपये में आ रही गिरावट के मद्देनजर रियलमी (Realme) ने कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है.

Updated on: 02 Apr 2020, 11:06 AM

दिल्ली:

चीन (China) की स्मार्टफोन कंपनी (Smartphone Company) रियलमी (Realme) ने अपने हैंडसेट (Handset) के दामों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. बता दें की केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार द्वारा मोबाइल फोन (Mobile Phone) पर माल एवं सेवा कर (GST) की दर बढ़ाकर 18 फीसदी करने और रुपये में आ रही गिरावट के मद्देनजर कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. कीमतों में बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू हो गई हैं.

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सरकार ने मोबाइल फोन पर GST बढ़ाकर 18 फीसदी की

कंपनी ने कहा है कि रियलमी के हैंडसेटों पर मूल्यवृद्धि उत्पाद दर उत्पाद भिन्न होगी. यह मूल्यवृद्धि नए और पुराने दोनों उपकरणों पर लागू होगी. सरकार ने मार्च में मोबाइल फोन पर जीएसटी की दर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी थी. हैंडसेट कंपनियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया था. रियलमी इंडिया ने बयान में कहा कि जीएसटी दरों में वृद्धि से स्मार्टफोन खंड प्रभावित होगा. कंपनी ने कहा कि 2018 के बाद उसे पहली बार मूल्यवृद्धि का कदम उठाना पड़ रहा है. कंपनी ने कहा कि कोविड-19 से स्मार्टफोन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इससे कलपुर्जों की आपूर्ति घटी है और कीमतों में भी वृद्धि हुई है.

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कंपनी ने कहा कि इसके अलावा रुपये में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है और फिलहाल यह लगातार नीचे आ रहा है. इससे स्मार्टफोन उपकरणों की कुल लागत पर असर पड़ा है. कई स्मार्टफोन ब्रांड पहले ही 2019 और 2020 में कीमतों में बढ़ोतरी कर चुके हैं. उद्योग संगठन इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने कहा कि मोबाइल फोन पर जीएसटी दरों में ऐसे समय वृद्धि की गई है जबकि आर्थिक सुस्ती और कोरोना वायरस की वजह से उद्योग की हालत पहले ही काफी खराब है. इससे उद्योग पटरी से उतरेगा और नौकरियां भी कम होंगी. आईसीईए का अनुमान है कि इस फैसले पर आम आदमी पर करीब 15,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और सौ करोड़ से अधिक उपभोक्ता प्रभावित होंगे. (इनपुट भाषा)