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मोबाइल हैंडसेट का देश में उत्पादन बढ़ा, आयात में आई कमी : सरकार

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि सेल्यूलर मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये का था और छह करोड़ सेट का उत्पादन किया गया जो 2018-19 में बढ़कर 1,70,000 करोड़ रुपये का हो गया और 29 करोड़ सेट का उत्पाद

Updated on: 13 Dec 2019, 05:25 PM

Delhi:

सरकार ने शुक्रवार को बताया कि भारत में पिछले कुछ सालों में सेल्यूलर मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन बढ़ा है वहीं सहायक उपकरणों समेत आयातित मोबाइल फोनों की संख्या में कमी आई है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि सेल्यूलर मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये का था और छह करोड़ सेट का उत्पादन किया गया जो 2018-19 में बढ़कर 1,70,000 करोड़ रुपये का हो गया और 29 करोड़ सेट का उत्पादन हुआ.

उन्होंने राजीव चंद्रशेखर के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2016-17 की तुलना में पिछले वित्त वर्ष में देश में सहायक उपकरणों समेत आयात किये गये मोबाइल फोन की संख्या में कमी आई है. गोयल के उत्तर में दिये गये आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में 7,57,81,000 मोबाइल फोनों का आयात किया गया जिनका मूल्य करीब 378.8 करोड़ रुपये था. 2017-18 में लगभग 353.8 करोड़ रुपये के 9,05,21,000 हैंडसेटों का आयात किया गया. यह संख्या 2018-19 में घट गयी और पिछले वित्त वर्ष में 161.7 करोड़ रुपये मूल्य के 2,69,79,000 मोबाइल फोनों का आयात किया गया. इनमें सेल्यूलर मोबाइल फोन-पुश बटन और सेल्यूलर मोबाइल फोन (स्मार्टफोन) दोनों शामिल हैं.

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गोयल ने बताया कि इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार भारत में लगभग 260 इकाइयां उपकरणों, पुर्जों समेत सेल्यूलर मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन करती हैं. उन्होंने कहा कि अधिकतर प्रमुख देशी और विदेशी ब्रांडों ने यहां अपनी उत्पादन सुविधाओं की स्थापना कर ली है या उनकी स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं. देश में उत्पादन के वातावरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं.

गोयल के मुताबिक सेल्यूलर मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुल्क ढांचे को युक्तिसंगत बनाया गया है. 2018-19 में सेल्यूलर मोबाइल हैंडसेटों पर मूल सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत किया गया. इसे और अधिक करने का अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.