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Fifa World Cup 2018: लगातार तीन मैच अतिरिक्त समय में जीत कर फाइनल में पहुंची क्रोएशिया

रूस में जारी फीफा विश्व कप के फाइनल में प्रवेश करने वाली क्रोएशिया पिछले लगातार तीन मैच अतिरिक्त समय में खेल कर फ्रांस के साथ खिताबी भिड़ंत को तैयार है।

Updated on: 14 Jul 2018, 07:26 PM

नई दिल्ली:

रूस में जारी फीफा विश्व कप के फाइनल में प्रवेश करने वाली क्रोएशिया पिछले लगातार तीन मैच अतिरिक्त समय में खेल कर फ्रांस के साथ खिताबी भिड़ंत को तैयार है। फाइनल मुकाबला रविवार को होगा।

क्रोएशिया के आखिरी के तीन मैच तय समय में बराबरी पर छूटने के बाद अतिरिक्त समय में गए थे जिनमें से दो में क्रोएशिया ने पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल की वहीं एक मैच में अतिरिक्त समय में विजयी गोल दागा। 

वर्ष 1991 में दुनिया के नक्शे पर कदम रखने वाली क्रोएशिया 1998 में सेमीफाइनल तक पहुंची थी और अब 20 साल बाद एक बार फिर वह अपने सपने को पूरा करने के लिए रविवार को 1998 की विजेता फ्रांस से लोहा लेने के लिए तैयार है।

क्षेत्रफल की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश जितना बड़ा देश क्रोएशिया जब फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण में भाग लेने आई थी तो किसी ने भी उसके ग्रुप चरण से आगे जाने के बारे में नहीं सोचा था। फुटबाल के जानकार से लेकर सभी उस समय उसे 'साधारण' मान रही थी, लेकिन टीम ने अपने जुझारू प्रदर्शन से इस साधारण को 'असाधारण' में तब्दील कर दिया। 

टूर्नामेंट में क्रोएशिया जुझारू टीम के तौर जानी जाएगी जिसने पिछले तीन अहम मुकाबलों में अतिरिक्त समय में जीत दर्ज की है। क्रोएशिया ने अंतिम-16 के मुकाबले में डेनमार्क को निर्धारित समय तक 1-1 से रोके रखा और फिर पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 से जीत दर्ज कर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा।

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क्वार्टर फाइनल में उसके सामने मेजबान रूस था। यहां भी निर्धारित समय तक मैच 2-2 से बराबर रहा। इसके बाद पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया जिसमें क्रोएशिया ने 4-3 से बाजी मारकर 1998 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में कदम रखा। 

सेमीफाइनल में उसका सामना एक ऐसी टीम से हुआ जो 1966 में चैंपियन रह चुका है और इस टूर्नामेंट में अब तक अपराजित चल रहा था। 

क्रोएशिया ने यहां भी इंग्लैंड के खिलाफ एक गोल से पिछड़ने के बाद दूसरे हाफ में बराबरी की और फिर निर्धारित समय तक बराबरी पर रहने के बाद अतिरिक्त समय का सहारा लिया गया जहां उसने मांडजुकिक द्वारा 109वें मिनट में किए गए गोल की बदौलत पहली बार फाइनल में प्रवेश किया और फ्रांस से 1998 की हार का बदला लेने का मौका बनाया।

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