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त्वचा के अनुसार ही चुने अपना सनस्क्रीन,वरना भुगतने पड़ सकते है अंजाम

सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें न केवल त्वचा को जलाती हैं, बल्कि इससे स्किन कैंसर की आशंका भी बढ़ती है।

Updated on: 08 May 2017, 03:11 PM

नई दिल्ली:

सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें न केवल त्वचा को जलाती हैं, बल्कि इससे स्किन कैंसर की आशंका भी बढ़ती है। इनसे बचने के लिए गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना जरूरी होता है, लेकिन हमेशा त्वचा के अनुकूल सनस्क्रीन ही लगाएं। सनस्क्रीन खरीदने से पहले ध्यान रखना चाहिए

1-अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो जेल या स्प्रे में उपलब्ध सनस्क्रीन खरीदकर लगाएं, इससे आपकी त्वचा ज्यादा तैलीय नहीं दिखेगी और अगर आपकी त्वचा रूखी है तो लोशन या क्रीम के रूप में उपलब्ध सनस्क्रीन लगाएं, इससे आपकी त्वचा को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा मिलेगी।

2-ऐसा सनस्क्रीन लगाएं जो आपको नैचुरल लुक दे और साथ ही आपके चेहरे को चिपचिपा और पसीने से तर दिखने से रोके।

3-यूवीए और यूवीबी से सुरक्षा प्रदान करनेोवले सनस्करीन का इस्तेमाल करें क्योंकि यूवीए किरणों के कारण झुर्रियां पड़ जाती है और चेहरा का रंग काला पड़ने लगता है वहीं यूवीबी किरणों से टैनिंग होने के साथ ही त्वचा संबंधी कैंसर होने की संभावना भी रहती है, इसलिए दोनों हानिकारक किरणों से सुरक्षा प्रदान करने वाले सनस्क्रीन को खरीद कर लगाएं।

4-यूवीबी से सुरक्षा के लिए 'एसपीएफ' युक्त और यूवीए से सुरक्षा के लिए 'पीए' युक्त सनस्क्रीन खरीदें। तेज धूप में निकलने से पहले एसपीएफ-30 और पीए++ या इससे ज्यादा एसपीएफ और पीए वाला सनस्क्रीन लगाएं।

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5-सनब्लॉक क्रीम को अच्छी-खासी मात्रा में लेकर लगाएं क्योंकि एक या दो बूंद लगाने से यह प्रभावकारी असर नहीं दिखा सकेगा, इसे धूप में निकलने से कम से कम आधे घंटे पहले लगाएं।

6-सनस्क्रीन में ऑक्सीबेनजोन जैसे हानिकारक केमिकल नहीं होने चाहिए क्योंकि इससे आपके हार्मोस पर असर पड़ सकता है और त्वचा में जलन, खुजली आदि की समस्या हो सकती है।

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सनसक्रीन खरीदते समय कब तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है यह जरूर जांच कर लें, इसके इस्तेमाल की तारीख जरूर देख लें क्योंकि एक्सपायर सनस्क्रीन से आपकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।