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Fact Check: क्या तेजस में खराब खाना खाकर लोग ICU में भर्ती हो गए? जानें सच्चाई

इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन दिया गया है, 'ये हाल देश की सबसे अच्छी ट्रेन का है'. इस पोस्ट को 30 अक्टूबर को शेयर किया गया है जिसे खबर लिखे जाने तक एक हजार बार शेयर किया जा चुका है.

Updated on: 01 Nov 2019, 07:39 AM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया कि तेजस ट्रेन का खाना खाकर लोग बीमार पड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि तेजस ट्रेन लोगों को मौत के करीब ले जा रही है. दावा ये भी किया जा रहा है कि कुछ लोग ट्रेन का खाना खाकर इतना बीमार पड़े की उन्हें आइसीयू में भर्ती करना पड़ा. ये पोस्ट फेसबुक पर viral in india नाम के फेसबुक पेज से शेयर किया गया है. इस पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की गई है जिसमें लिखा गया है, मौत से मिला रही तेजस एक्सप्रेस, तेजस का खाना खाने से 24 यात्रियों की हालत खराब, 3 यात्री icu में जिंदगी मौत से लड़ रहे.' इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन दिया गया है, 'ये हाल देश की सबसे अच्छी ट्रेन का है'. इस पोस्ट को 30 अक्टूबर को शेयर किया गया है जिसे खबर लिखे जाने तक एक हजार बार शेयर किया जा चुका है.

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क्या है इस पोस्ट की सच्चाई?

जब हमने इस पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए गूगल पर 'तेजस के खाने से बीमार लोग' की वर्ड के साथ सर्च किया तो हमारे सामने साल 2017 में छपी कई खबरें मिली जिसमें तेजस का खाना खाकर लोगों के बीमार पड़ने की बात थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक मामला गोवा से मुंबई जा रही तेजस एक्सप्रेस का था जिसमें खाना खाकर करीब 26 यात्री बीमार पड़ गए थे. इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया दिया गया था जहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया. इसके अलावा हमें न्यूस स्टेट की वेबसाइट पर भी 16 अक्टूबर 2017 को छपी एक खबर मिली जिसमें बताया गया था कि रेलवे का दावा है कि तेजस में लोग खराब खाने से बीमार नहीं हुए थे बल्कि एसी कोच में दो बच्चों की उलटी के बाद कोच में बेचैनी शुरू हुई और लोग बीमार हुए. सेंट्रल रेलवे की टीम की ओर से आई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि खाना 'संतोषजनक' था. रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्रियों में 'बेचैनी' के केस का पहला मामला दो बच्चों की उलटी के बाद आया. यह बच्चे हिमाचल प्रदेश के एक टूरिस्ट ग्रुप के थे.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'उलटी के बाद इसकी गंध से दूसरे लोगों में बेचैनी शुरू हुई और फिर दो और बच्चों ने उलटी की. इसके बाद उन बच्चों के माता-पिता भी बेचैनी महसूस करने लगे.'

इन खबरों से तीन चीजें साफ हैं कि फिलहाल वायरल हो रही पोस्ट में जो दावा किया जा रहा है वो सही है लेकिन पूरी तरीके से नहीं. इसमें ICU में लोगों को भर्ती कराने की बात गलत हैं, क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी कोई नौबत नहीं आई थी. इसके अलावा ये वायरल पोस्ट की खबर अभी की नहीं बल्कि 15 अक्टूबर 2017 यानी 2 साल पुरानी है और हाल फिलाहल में ऐसी कोई खबर सामने नहीं आई है. इसके अलावा ये कि रेलव की रिपोर्ट के मुताबिक 26 के 26 यात्री खराब खाना खाकर बीमार नहीं पड़े थे बल्कि दो बच्चों के उल्टी करने के बाद से उनमें बेचेनी शुरू हुई.