Fact Check: 'भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं', क्या सही है पीएम मोदी का ये दावा
रैली के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस, और अर्बन नक्सल लगातार ये भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज देगी.
नई दिल्ली:
22 दिसबंर 2019 यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाते हुए रामलीला मैदान में रैली की. हमेशा की तरह इस रैली में भी उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. साथ ही NRC और CAA को लेकर देश के कई हिस्सों में हुए प्रदर्शन का भी जिक्र किया. इसके अलावा इस रैली में पीएम मोदी ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे उन्हीं के एक मंत्री की बात झूठी साबित हो गई.
क्या था पीएम मोदी का दावा?
दरअसल रैली के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस, और अर्बन नक्सल लगातार ये भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज देगी. उन्होंने कहा था कि ये झूठ..झूठ और झूठ है क्योंकि देश में कोई डिटेंशन सेंटर है ही नहीं. इसी के साथ उन्होंने ये भी अपील की थी कि लोग इस झूठ पर विश्वास न करें.
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क्या है पीएम मोदी के दावे की सच्चाई?
हमने पीएम मोदी के इस दावे की सच्चाई जानने के लिए गूगल पर Detention Center in india कीवर्ड सर्च किया तो हमारे सामने सारी जानकारी सामने आ गई. मिली जानकारी के मुताबिक इस समय असम में 6 डिटेंशन सेंटर है. इनमें गोलपारा, कोकड़ाझाड़, सिल्चर, डिब्लुगड़, जोरहाट और तेजपुर शामिल है. इनमें से गोलपारा डिटेंशन सेंटर भारत का पहला डिटेंशन सेंटर है जिसे सरकार के आदेश पर ही बनाया गया था. इतना ही नहीं, 27 नवंबर 2019 को सरकार की तरफ से खुद इस बात का खुलासा किया गया था कि 988 लोगों को असम के 6 डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. इसी दिन राज्यसभा में देश के गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी देश में मौजूद डिटेंशन सेंटर में उपलब्ध सुविधा और वहां हुई मौतों पर पूछे गए सवाल का जवाब दिया था. इसके अलावा बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 जुलाई 2019 को भी राज्यसभा में नित्यानंद राय ने कहा था कि देश में आए अवैध लोगों की नागरिकता की पुष्टी जब तक नहीं हो जाती, और जब तक उन्हें देश से नहीं निकाला जाता, तब तक राज्य उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजेंगे.
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इसके अलावा द हिंदू में इसी साल 2 जुलाई को एक खबर छपी थी जिसके मुताबिक नित्यानंद राय ने कहा था कि राज्य सरकारों को साल 2009, 2012, 2014 और 2018 में अपने-अपने प्रदेशों में डिटेंशन सेंटक बनाने के लिए कहा था.
इन सब जानकारियों के बाद ये सवाल उठना लाज्मि है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे थे या ये सारी जानकारी जो हमें गूगल और खुद उन्हीं मंत्री के जरिए मिली, वो गलत है?
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