logo-image

Fact Check: तो क्या चालान के पैसों के लिए आपस में ही भिड़ गए पुलिसकर्मी, यहां जानें Viral Video की सच्चाई

खबर लिखे जाने तक फेसबुक पर इस वीडियो को 65 बार शेयर किया जा चुका है और 1.5 मिलियन बार देखा जा चुका है.

Updated on: 17 Sep 2019, 11:28 AM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें दो पुलिस वाले आपस में मारपीट करते नजर आ रहे हैं. इस दौरान दोनों एक दूसरे को लाठी से भी मारते नजर आ रहे हैं. खबर लिखे जाने तक फेसबुक पर इस वीडियो को 65 बार शेयर किया जा चुका है और 1.5 मिलियन बार देखा जा चुका है.

इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है कि 'चालान काटने के बाद हिसाब का सही बंटवारा ना होने पर रुझान आया.'

दरअसल इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि दो पुलिस वाले इसलिए मारपीट कर रहे हैं क्योंकि चालान कटने के बाद जो पैसे आए, उसका इन दोनों के बीच ठीक से बंटवारा नहीं हो पाया.

क्या है इस वीडियो की सच्चाई?

हमने इस वीडियो को वेरिफाई करने के लिए कीवर्ड के जरिए इसे सर्च किया तो हमें यूट्यूब पर एक टीवी चैनल का वीडियो मिला जिसमें यही वीडियो था. इस वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो लखनऊ का है. इतना ही नहीं ये वीडियो एक-दो नहीं बल्कि पूरे 6 साल पुराना है.

यह भी पढ़ें: Fact Check: कश्मीर में 2 दिनों से बेटे के शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहा पिता, क्या है इस वीडियो की सच्चाई

यूट्यूब पर मिली वीडियो के मुताबिक लखनऊ में मुख्यमंत्री का एक कार्यक्रम था. इनमें से एक जवान कार्यक्रम के दौरान अपनी ड्यूटी पर तैनात नहीं था और जब दूसरे पुलिसवाले ने उससे पूछा तो उसे ये बताया कि वो पानी पीने गया था. बस इसी बात दोनों के बीच बहस हो गई और वो इस कदर बढ़ गई दोनों से लाठियों मारपीट करने लगे. इस दौरान एक के सिर पर काफी चोट आ गई.

यह भी पढ़ें: Fact Check: जब मुंबई की बारिश में रास्ता पार करने लगा सिग्नल, क्या है वायरल हो रहे इस वीडियो की सच्चाई

सोशल मीडियो पर शेयर हो रही वीडियो को भी अगर हम ध्यान से देखें तो ये साफ हो जाएगा कि मामला चालान काटने का नहीं है. इस वीडियो में एक पुलिसकर्मचारी साफ कहता दिख रहा है कि 'उसे मुख्यमंत्री की ड्यूटी पर खड़े होना था. मेरे पास उसका नंबर भी नहीं था, मैंने एक सिपाही से फोन मिलवाया, हमने पूछा कहां हो तो गाली देने लगा.' ऐसे में इस पुलिसवाले के बयान से भी साफ है कि मामला चालान से नहीं बूल्कि मुख्यमंत्री की ड्यूटी पर तैनात होने से जुड़ा हुआ है. इससे ये साफ हो जाता है कि ये वीडियो तो सही है लेकिन इस वीडियो को शेयर करते हुए जो दावा किया जा रहा है वो गलत है.