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'अनारकली ऑफ आरा' मूवी रिव्यू: स्वरा भास्कर के संघर्ष की दमदार कहानी

फिल्‍म की कहानी शुरू होती है अनारकली से, जो आरा की एक नाचने-गाने वाली लड़की है। अनारकली रंगीला डान्स पार्टी मैं नाच गा कर अपना जीवनयापन ​करती है।

Updated on: 24 Mar 2017, 07:20 PM

नई दिल्ली:

पहली बार बतौर निर्देशक डेब्यू कर रहे अविनाश दास की पहली फिल्‍म 'अनारकली ऑफ आरा' रिलीज हो गई है। फिल्‍म का निर्देशन और इसकी कहानी दोनों ही अविनाश दास ने ही लिखी है। फिल्म महिला प्रधान है, इसमें स्‍वरा भास्‍कर ने अनारकली का मुख्‍य किरदार निभाया है।

स्‍वरा के अलावा फिल्म में संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, इश्तियाक खान और विजय ने भी अहम किरदार निभाया है। फिल्‍म की कहानी शुरू होती है अनारकली से, जो आरा की एक नाचने-गाने वाली लड़की है। अनारकली रंगीला डान्स पार्टी मैं नाच गा कर अपना जीवनयापन ​करती है।

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अनारकली के कदरदानों की लिस्‍ट काफी लंबी है, लेकिन अनारकली के लिए मुश्किल तब खड़ी होती है जब इलाके की एक बड़ी शख्सियत अनारकली के हुनर का नहीं, बल्कि उसकी खूबसूरती का दीवाना बन जाता है। इसके बाद कहानी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। फिल्म के डायलॉग काफी शानदार हैं। वहीं संजय मिश्रा ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि वह बेजोड़ अभिनेता हैं। फिल्‍म इंडस्ट्री में अपनी लाजवाब कॉमेडी से सभी को अपना दीवाना बना देने संजय मिश्रा ने फिल्म में अपने अभिनय से नई जान दी है।

यह फिल्‍म समाज को आईना दिखाती है कि आज कि महिला किसी से भी कम नहीं है और जब वह अपने पर आ जाए तो किसी को नहीं छोड़ती है। फिल्म की कहानी काफी दमदार है, जिसे देखने के ​लिए दर्शकों को सिनेमाघरों तक जाना होगा।

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