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क्या आपको याद है हर दिल अजीज़ किशोर कुमार और इंदिरा गांधी के दूत के बीच क्या बातचीत हुई थी.. पढ़ें यहां

जब 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगी. इसके बाद देश में दमन का दौर चला और सरकार का एक दूत किशोर कुमार के पास भी पहुंचा था.

Updated on: 04 Aug 2020, 04:53 PM

नई दिल्ली:

हर दिल अजीज गायक किशोर कुमार (Kishore Kumar), जो आज भी युवाओं की पहली पसंद है. ये बात सुनने में आपको शायद अजीब लगे, लेकिन क्या आप जानते हैं, एक ऐसा भी दौर आया था जब रेडियो और टीवी पर लगातार तीन साल किशोर के गीत नहीं बजाए गए. आज किशोर कुमार की जयंती है और ऐसे में जिंदादिल इंसान रहे किशोर कुमार का एक पहलू जिसके बारे में कम लोग ही जानते हैं, के बारे यहां बात होना लाजमी हो जाता है. किशोर दा काफी जिद्दी मिजाज के भी थे.

अपनी गायकी से दुनिया को दीवाना बना देने वाले किशोर कुमार की आवाज पर भी एक बार ग्रहण लगा था. जब 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी लगी. इसके बाद देश में दमन का दौर चला और सरकार का एक दूत किशोर कुमार के पास भी पहुंचा था. सरकार चाहती थी कि किशोर इंदिरा गांधी के बीस सूत्रीय कार्यक्रम पर एक गाना गाएं. उस समय मीडिया रिपोर्ट्स में सूचना प्रसारण मंत्रालय के एक ज्वाइंट सेकेट्री और किशोर कुमार के बीच बातचीत की खूब चर्चा हुई थी.

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आइए जानें दोनों में क्या बातचीत हुई थी...

सरकारी दूत- सर आप अच्छे singer हैं.
किशोर- हां.. मुझे पता है...but thanks anyway
सरकारी दूत (हंसते हुए)- आप बहुत मज़ाक करते हैं.
किशोर- हां.. मुझे ये भी पता है..but tell me आप क्या चाहते हैं?
सरकारी दूत- आप जानते हैं, देश में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. श्रीमती गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की है.
किशोर- really ? so...
सरकारी दूत- आप काफी popular हैं.
किशोर- अरे बाबा.. आप अपनी बात कहिए..
सरकारी दूत- आपको इंदिरा जी के 20 सूत्रीय कार्यक्रम पर एक गीत गाना होगा.
किशोर- गाना होगा? मतलब? Is it an obligation?
सरकारी दूत- I & B minister मिनिस्टर वी सी शुक्ल का ये order है...
किशोर- order?... मुझे कौन हुक्म दे सकता है? चलो भागो यहां से.. पागल (pagul)..
कोई मुझसे वो काम नहीं करवा सकता.. जो मैं नहीं करना चाहता.

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किशोर कुमार के साथ ये घटना हई थी 4 मई 1976 को.. जिसके बाद इमरजेंसी खत्म होने तक करीब 3 साल ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर किशोर कुमार का एक भी गाना नहीं बजा, लेकिन सरकारी हुक्म भी किशोर कुमार की खुद्दारी को दबा नहीं सका. किशोर कुमार के साथ हुई इस नाइंसाफी का जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाल ही में एक कार्यक्रम में किया था.