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Birthday Special: ये हैं सनी देओल के धांसू डायलॉग्स, उठा-उठाकर पटकने से लेकर चीर फाड़ देने वाले तक

सनी की पहली फिल्म 'बेताब' थी, जिसमें उनके साथ अमृता सिंह ने काम किया था.

Updated on: 19 Oct 2019, 09:08 AM

नई दिल्ली:

बॉर्डर, गदर, दामिनी, बेताब जैसी कई दमदार फिल्में दे चुके अभिनेता सनी देओल (Sunny Deol) का आज अपना 63वांजन्मदिन मना रहे हैं. 19 अक्टूबर 1956 को जन्मे सनी देओल को अभिनय की कला विरासत में मिली. उनके पिता धर्मेंद्र बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेताओं में से एक है. बचपन में सनी अपने पिता के साथ शूटिंग पर जाया करते थे. धीरे-धीरे फिल्मों की तरफ उनका रुझान बढ़ने लगा और अभिनेता बनने का ख्वाब देखने लगे. 

सनी की पहली फिल्म 'बेताब' थी, जिसमें उनके साथ अमृता सिंह ने काम किया था. बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों में सनी देओल को दमदार एक्शन छवि को दिखाया गया है लेकिन दिल से वह बेहद नर्म हैं. फिल्मों की तरह ही सनी देओल के दमदार डायलॉग्स भी लोगों को काफी पसंद हैं. आईए जानते हैं उनके कुछ दमदार डायलॉग्स जो आज भी लोगों के जुबान पर हैं.

फिल्म दामिनी- ये ढाई किलो का हाथ जब ये किसी पड़ता है ना, तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है.

घातक (1996)- ये मजदूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है. ये ताकत खून-पसीने से कमाई हुई रोटी की है. मुझे किसी के टुकड़ों पर पलने की जरूरत नहीं.

गदर: एक प्रेम कथा (2001)- अशरफ अली! आपका पाकिस्तान जिंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद है, जिंदाबाद था और जिंदाबाद रहेगा.. बस बहुत हो गया.

घातक (1996)- हलक में हाथ डालकर कलेजा खींच लूंगा हरामखोर.. उठा उठा के पटकूंगा. उठा उठा के पटकूंगा.. चीर दूंगा, फाड़ दूंगा साले.

जिद्दी (1997)- चिल्लाओ मत इंस्पेक्टर, ये देवा की अदालत है, और मेरी अदालत में अपराधियों को ऊंचा बोलने की इजाजत नहीं.

दामिनी (1993)- चिल्लाओ मत, नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा. न तारीख न सुनवाई, सीधा इंसाफ. वो भी ताबड़तोड़.

घातक (1996)- पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है कात्या. तू चाहता है मैं तेरे यहां कुत्ता बनकर रहूं. तू कहे तो काटूं, तू कहे तो भौंकू

दामिनी (1993)- अगर अदालत में तूने कोई बद्तमीजी की तो वहीं मारूंगा. जज ऑर्डर ऑर्डर करता रहेगा और तू पिटता रहेगा.