Birthday Special: अमजद खान से पहले इस एक्टर को मिला था 'गब्बर सिंह' का किरदार
अमजद खान को बुलाया गया तो रमेश सिप्पी को वे पहली नजर में पसंद नहीं आए. क्योंकि अमजद खान तब काफी दुबले थे और आवाज भी भारी भी नहीं थी.
नई दिल्ली:
15 अगस्त 1975 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिलीज हुई सुपर डुपर हिट फिल्म शोले को कौन भूल सकता है. टीवी पर जब कभी यह फिल्म आती है तो लोग इसे देखना पसंद करते हैं. इस फिल्म निर्माण और निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था. इस फिल्म के स्टार कास्ट के बारे में रोचक तथ्य यह है कि जब धर्मेंद्र और संजीव कुमार को इसकी स्क्रिप्ट सुनाई गई तो वे धर्मेंद्र ठाकुर और संजीव कुमार गब्बर का रोल करने के इच्छुक थे.
कहा जाता है कि उस वक्त धर्मेंद्र शादीशुदा थे लेकिन फिर भी उनका हेमा मालिनी से प्रेस प्रसंग था. जब धर्मेंद्र ने ठाकुर का रोल करने की इच्छा जाहिर की तो रमेश सिप्पी ने उन्हें साफ मना कर दिया उन्होंने कहा कि अगर वे वीरु नहीं बनेंगे तो यह रोल संजीव कुमार को दे दिया जाएगा. कहा जाता है कि संजीव कुमार भी हेमा को पसंद करते थे, यह बात धर्मेंद्र को नागवार गुजरी और वे इस रोल को करने के लिए तैयार हो गए. गब्बर का रोल करने के लिए संजीव कुमार भी उत्सुक थे लेकिन विलेन का रोल होने के कारण उन्हें यह रोल नहीं दिया गया.
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गब्बर का रोल करने के लिए पहले डैनी से बात की गई थी, लेकिन डैनी, फिरोज खान की 'धर्मात्मा' फिल्म साइन कर चुके थे, उस फिल्म की शूटिंग विदेश में होनी थी, और डेट न होने के कारण उन्होंने फिल्म को करने से इन्कार कर दिया. उसके बाद रमेश सिप्पी को किसी ने अमजद खान के बारे में बताया.
अमजद खान को बुलाया गया तो रमेश सिप्पी को वे पहली नजर में पसंद नहीं आए. क्योंकि अमजद खान तब काफी दुबले थे और आवाज भी भारी भी नहीं थी. इसलिए रमेश सिप्पी ने अमजद खान से कहा कि अगर दो महीने में वजन बढ़ा सकें तो आ जाएं, नहीं तो यह रोल किसी और को दे दिया जाएगा. अमजद इस रोल को हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे, वे उसी दिन से वजन बढ़ाने में लग गए और मोटे हो गए. दूसरी बार अमजद मोटे होकर आए तो उनसे रमेश सिप्पी ने ऑडीशन लिया और वे पास हो गए. जिस रोल पर कई दिग्गजों की नजर थी, वह अजमद खान को मिल गया.
एक रोचक तथ्य यह भी है कि गब्बर सिंह कोई काल्पनिक चरित्र नहीं था, गब्बर असली डकैत हुआ करता था. फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने वाले सलीम-जावेद की जोड़ी के सलीम खान के पिता पुलिस में थे, वे अक्सर सलीम खान को डकैतों की कहानी सुनाया करते थे, गब्बर सिंह की कहानी सलीम खान को याद थी, जिसका इस्तेमाल उन्होंने शोले फिल्म में किया.
अपने फिल्मी करियर के दौरान कई दमदार किरदार निभाने वाले अमजद खान का जन्म 12 नवंबर, 1940 को पेशावर में हुआ था. एक एक्सीडेंट के बाद वह वो लंबे समय तक व्हील चेयर पर रहे थे. एक्सीडेंट के बाद अमजद खान का वजन बढ़ना शुरू हो गया और 27 जुलाई, 1992 को दुनिया को अलविदा कह दिया.
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