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भोजपुरी फिल्म 'परदेस' में दिखेगा बिहार के युवकों की बेरोजगारी और पलायन का दर्द

इस फिल्म की कहानी एक शिक्षित युवा बिहारी की है, जो शिक्षित होने के बाद भी बेरोजगार है और वह अपने परिवार के अच्छे भविष्य के लिए 'परदेस' जाता है.

Updated on: 15 Jul 2019, 06:13 PM

नई दिल्ली:

अभिनव आर्ट्स और मोहित गुप्ता फिल्म प्रोडक्शन की आगामी भोजपुरी फिल्म 'परदेस' में दर्शकों को बिहार की बेरोजगारी और पलायन के दंश की कहानी देखने को मिलेगी. फिल्म के निर्देशक पद गुरूंग ने बताया कि देशभर में बिहार और बिहारी की दोहरी पहचान है. इस फिल्म की कहानी एक शिक्षित युवा बिहारी की है, जो शिक्षित होने के बाद भी बेरोजगार है और वह अपने परिवार के अच्छे भविष्य के लिए 'परदेस' जाता है.

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विनोद रजोरिया द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म का ट्रेलर जारी कर दिया गया है. ट्रेलर में फिल्म की एक झलक बताती है कि 'परदेस' विशुद्ध रूप से बिहार की फिल्म है. यह फिल्म जल्द ही सिनेमाघरों में होगी.फिल्म के निर्माता शाहिद शम्स और मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया, 'आज दूसरे राज्यों में बिहारियों पर हो रहे अत्याचारों की वजह बिहार के राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स हैं, जिन्होंने सिर्फ अपनी उन्नति के बारे में सोचा और बिहार की माटी को भूल गए.'

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उन्होंने आगे कहा, 'हमारी फिल्म 'परदेस' ऐसे ही विषय पर आधारित है, जिसमें सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों का ख्याल बखूबी रखा गया है. फिल्म 'परदेस' के निर्देशक और कोरियोग्राफर पदम गुरूंग, एसोसिएट डारेक्टर कमल नारायण और कार्यकारी निर्माता सुरेश प्रसाद व राजन यादव हैं. फिल्म में गीत विनय बिहारी, के सी भूषण और अविनाश पांडे फतेहपुरिया का है, जबकि संगीतकार व लेखक विनय बिहारी हैं.