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राजस्थान के बाद गुजरात और महाराष्ट्र में भी 'पद्मावती' को बैन करने की मांग, सड़क पर विरोध प्रदर्शन

सूरत में राजपूत समुदाय, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और करनी सेना ने एक साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया और इसके रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की।

Updated on: 12 Nov 2017, 12:47 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के बाद अब गुजरात और महाराष्ट्र में भी फिल्म 'पद्मावती' को लेकर राजपूत समुदाय के लोगों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

रविवार को सूरत में राजपूत समुदाय, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और करनी सेना ने एक साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया और इसके रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की।

वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में 'पद्मावती' का विरोध कर रहे राजपूत सेवा संघ के 15 सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

गांधीनगर के करनी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा, 'ये सिर्फ फिल्म नहीं इतिहास है। आप फिल्म के नाम कुछ भी नहीं दिखा सकते।'

इतना ही नहीं यूपी के वाराणसी में वीरांगना महासभा की महिलायों ने हाथ मे बेलन और पोस्टर लेकर पद्मावती फ़िल्म का विरोध किया। महिलाओं का कहना है कि 'पद्मावती' में इतिहास से छेड़छाड़ किया गया है और रानी पद्मावती के किरदार को ग़लत तरीके से दिखाया गया है।

बता दें कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार अगले महीने आने वाली बॉलीवुड फिल्म 'पद्मावती' को बैन करने की मांग के लिए सेंसर बोर्ड का रुख करेगी।

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अनिल विज ने कहा कि 'पद्मावती' फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली ने ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रानी पद्मावती के किरदार को फिल्म में बदनाम किया है, जिससे लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है।

उन्होंने कहा, 'रानी पद्मावती भारतीय महिलाओं के गौरव का प्रतीक हैं। पद्मावती के चरित्र का हनन किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा।'

लंबे समय से इस फिल्म की रिलीज को लेकर विवाद चल रहा है। इससे पहले राजस्थान में हिन्दू संगठन करणी सेना फिल्म को बैन करवाने के लिए कई बार फिल्म के सेट पर तोड़-फोड़ की घटनाओं को भी अंजाम दे चुका है।

गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है।

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