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'पद्मावती' पर होगा निष्पक्ष और संतुलित फैसला, लेकिन देना होगा समय: प्रसून जोशी

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी ने आज कहा कि सेंसर बोर्ड फिल्म 'पद्मावती' पर 'संतुलित फैसला' लेने की कोशिश कर रहा है।

Updated on: 21 Nov 2017, 12:18 AM

highlights

  • पद्मावती को सर्टिफिकेट देने के लिए चाहिए समय: प्रसून जोशी
  • फिल्म को लेकर देशभर में हो रहा है भारी विरोध

नई दिल्ली:

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी ने कहा कि बोर्ड फिल्म 'पद्मावती' पर 'संतुलित फैसला' लेने की कोशिश कर रहा है,  लेकिन इसके लिए पर्याप्त जगह और समय दिया जाना चाहिए।

सीबीएफसी के प्रमुख के तौर पर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' प्रसून की पहली सबसे बड़ी चुनौती है।

जोशी ने कहा कि बोर्ड ने सर्टिफिकेशन प्रकिया के लिए 68 दिनों का समय मांगा है ताकि भविष्य में 'पद्मावती' जैस स्थिति फिर से पैदा होने पर उनके पास समीक्षा के लिए पर्याप्त समय हो।

48वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) की ओपनिंग सेरेमनी पर मौजूद जोशी ने कहा, 'हमें समझना चाहिए कि सीबीएफसी को 'संतुलित फैसला' लेना है। यह स्थिति सीबीएफसी ने नहीं बनाई है। इसका सड़कों पर हो रहे प्रदर्शनों से कुछ लेना-देना नहीं है। आपने मीडिया हाउसेज को फिल्म दिखा दी और उनसे समीक्षा करा ली लेकिन आप चाहते हैं कि सीबीएफसी एक निष्पक्ष और अच्छी तरह से सोच-समझ के फैसला लें?'

सेंसर बोर्ड ने 'तकनीकी कारणों' का हवाला देते हुए फिल्म के निर्माताओं के आवेदन को वापस कर दिया है।

प्रसून ने कहा कि फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक है, आवेदन पत्र में यह नहीं बताया गया है और फिल्म को प्रमाणित होने में देरी के लिए सीबीएफसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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प्रसून ने कहा, 'हम बहुत समय नहीं मांग रहे है। हम ज्यादातर फिल्मों को 68 दिनों से पहले सर्टिफिकेट दे देते हैं लेकिन हमनें इतना समय इसलिए मांगा ताकि हमारे पास पर्याप्त समय हो। यह नया नहीं है। सीबीएफसी के साथ ऐसा सालों से हो रहा है। मैं भंसाली का बहुत सम्मान करता हूं पर ये निर्देशक नहीं फिल्म से जुड़ा विवाद है।'

यह फिल्म शुरुआत से ही विवादों में घिरी हुई है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी इस मूवी में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने अहम भूमिका निभाई है।

श्रीराजपूत करणी सेना लगातार फिल्म निर्माता पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है। 

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