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बिग बी पर भी टूटा था विपत्तियों का पहाड़

अपना 75वां जन्मदिन मना रहे बिग बी यानि महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा यूथफुल हैं. सफलता के कई आयाम स्थापित कर चुके अमिताभ भी ज़िन्दगी में तमाम उतार-चढ़ाव देख चुके हैं.

Updated on: 11 Oct 2018, 11:07 AM

नई दिल्ली:

अपना 75वां जन्मदिन मना रहे बिग बी यानि महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा यूथफुल हैं. सफलता के कई आयाम स्थापित कर चुके अमिताभ भी ज़िन्दगी में तमाम उतार-चढ़ाव देख चुके हैं. 1995 उन्होंने में अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एबीसीएल कंपनी बनाई. फिल्म प्रोडक्शन और इवेंट मैनेजमेंट का काम करने वाली इस कंपनी ने पहले साल 65 करोड़ का करोबार किया. इसमें कंपनी को 15 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ, लेकिन दूसरे ही साल से इसकी वित्तीय स्थिति बिगड़ती गई.

एबीसीएल ने 1996 में बेंगलुरु में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता का आयोजन करवाया. यह कंपनी के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ. इसके बाद  कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए. फिल्म निर्माण से लेकर उसकी मार्केटिंग, संगीत के राइट्स जैसे हर धंधे में कंपनी को घाटा हुआ . 1999 आते-आते कंपनी वित्तीय संकट में फंस गई. हालात इस कदर ख़राब हुए कि बिग बी  के पास अपने कर्मचारियों की सैलरी तक देने के पैसे नहीं थे.

एबीसीएल को कर्ज देने वाली केनरा बैंक और पब्लिक ब्रॉडकास्ट की कंपनी दूरदर्शन ने अपने बकाये पैसे की लेनदारी के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में केस डाल दिया. कोर्ट ने  अमिताभ बच्चन को निर्देश दिया कि वो अपने बंगले प्रतीक्षा और दो दूसरे फ्लैट्स को बेचकर अपना कर्ज चुकाएं.

बिग बी ने उस बुरे दौर को याद करते हुए एक बार कहा था, ‘उस वक्त मेरा विवेक ही मुझे ऐसे बुरे वक्त में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहा था. कई लोगों ने सुझाव दिया कि मैं एबीसीएल को उसके हालात पर छोड़कर बाहर निकल जाऊं और नई जिंदगी की शुरुआत करूं. लेकिन मुझे ये एहसास था कि मैंने लोगों से रुपए ले रखे हैं. लोगों ने एबीसीएल में सिर्फ मेरे नाम की वजह से भरोसा जताया था. इसलिए मुझे इतनी जल्दी हार नहीं माननी चाहिए.’

सफलता की बुलंदियों को छूने वाले अमिताभ फर्श पर आ चुके थे. इंडियन बोर्ड ऑफ इंड्रस्ट्रियल फायनेंसियल रिकंस्ट्र्क्शन ने अमिताभ की कंपनी एबीसीएल को दिवालिया करार दे दिया. अमिताभ ने सहारा इंडिया फायनेंस को अपना बंगला गिरवी रखकर कर्ज की रकम का इंतजाम किया. कहते हैं विपत्तियां कभी भी अकेले नहीं आतीं. अमिताभ पर मुश्किलें एक साथ टूट पड़ीं. न तो उनके पास फ़िल्में थीं और न ही उन्हें कोई अपनी फिल्म में लेना चाहता था. उनका स्टारडम एक झटके में खत्म हो चुका था.

यश चोपड़ा की मोहब्बतें और केबीसी ने दी संजीवनी 

बुरे दौर से जूझ रहे अमिताभ को एक बार फिर यश चोपड़ा का साथ मिला.उन्होंने उन पर भरोसा जताया और अपनी फिल्म मोहब्बतें में उन्हें रोल ऑफर किया. बता दें कि मोहब्बतें ब्लॉक बस्टर साबित हुई. छोटे परदे यानि टेलीविजन की दुनिया से दूर रहने वाले अमिताभ ने  सन 2000 में  स्टार प्लस के शो कौन बनेगा करोड़पति से नई पारी शुरू की . इसके पहले सीजन से अमिताभ ने 15 करोड़ कमाए . उन्होंने आईसीआईसीईआई बैंक जैसे कुछ ब्रांड्स का एंडोर्समेंट कर अच्छी खासी कमाई की और कर्ज चुकता किया.

अमिताभ बच्चन ने कभी कहा था, ‘उन दिनों  मैंने कई रातें जागकर बिताईं. एक सुबह मैं उठा और सीधे यश चोपड़ा के पास चला गया. मैंने उनसे कहा कि मैं दिवालिया हो चुका हूं.  यशजी ने अपनी फिल्म मोहब्बतें में एक रोल ऑफर किया. इसके बाद मैंने कुछ एड, टेलीविजन शो और फिल्में करनी शुरू की. मैंने 90 करोड़ रुपए के कुल कर्ज को चुकता किया और एक बार फिर से नई शुरुआत की.’

साल 2000 में अमिताभ बच्चन की उम्र 57 साल की थी. इस उम्र में लोग अपना रिटायरमेंट प्लान कर रहे होते हैं, लेकिन वह जिंदगी के इस नाजुक मोड़ पर खुद को दोबारा खड़ा करने की कोशिश में लगे थे. उनकी यह कोशिश रंग लाई. वह न केवल कर्जों से मुक्त हुए बल्कि 75 की उम्र में भी उनके पास काम की कमी नहीं है.